कवकीय संक्रमण के उपचार हेतु नया जीन | 27 Aug 2022

हाल के एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्त्ताओं ने CSA6 नामक गुणसूत्र (Gene) की पहचान की है जो कवकीय (फंगल) संक्रमण कैंडिडिआसिस के उपचार हेतु महत्त्वपूर्ण हो सकता है, जो अक्सर गहन देखभाल इकाई (ICU) रोगियो, कैंसर रोगियों और प्रतिरक्षा-प्रणाली की कम सक्रियता वाले (Immunosuppressive) रोगियों को प्रभावित करता है।

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कैंडिडा अल्बिकन्स:

  • कैंडीडा अल्बिकन्स कवक (फंगस) की एक प्रजाति है, जो कुछ कमज़ोर प्रतिरक्षा-स्थितियों जैसे एड्स या कैंसर के उपचार के दौरान रुग्णता और मृत्यु दर की उच्च दर पैदा करने के लिये जाना जाता है।
  • यह स्वस्थ व्यक्तियों के जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) और मूत्रजननांगी (यूरोजेनिटल) नलिकाओं के श्लेष्मिक (म्यूकोसल) सतह में रहता है।
  • इसके अलावा, यह कमज़ोर प्रतिरक्षा-स्थितियों के तहत एक रोगजनक (पैथोजेनिक) अवयव में बदल जाता है, जिससे इन्हें आश्रय देने वाली (होस्ट) रक्षा सतह को क्षति के साथ ही रोगी के जीवन के लिये प्रणालीजन्य खतरे वाला संक्रमण भी उत्पन्न हो जाता है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु:

  • परिचय:
    • यह जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) बेंगलुरु, भारत और इंस्टीट्यूट पाश्चर, पेरिस, फ्राँस के बीच एक सहयोगी अध्ययन है।
      • उन्होंने चिकित्सकीय रूप से प्रासंगिक कवक मॉडल प्रणाली कैंडिडा अल्बिकन्स में जीन स्थिरता के नियामकों की पहचान करने के लिये बड़े पैमाने पर एक स्क्रीन अध्ययन किया ।
  • निष्कर्ष:
    • शोधकर्त्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से जीनोम स्थिरता पर कैंडिडा अल्बिकन्स के एक हज़ार से अधिक अनुवांशिकीय गुणसूत्रों (जीन्स) के प्रभाव की जाँच की।
    • वे CSA6 के एक ऐसे सेट की पहचान करने में सफल रहे जिसके गुणसूत्र (जीन) अखंडता को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
      • जबकि अध्ययन में पहचाने गए CSA6 गुणसूत्रों में से पाँच को अन्य प्रजातियों में कोशिका विभाजन के लिये महत्त्वपूर्ण माना जाता है, वहीं  CSA6  नाम का छठा सीएसए जीन एक प्रोटीन के लिये अनुकूटित (एन्कोडेड) है जो कैंडिडा अल्बिकन्स में व्यवहार्यता के लिये आवश्यक है।
      • उन्होंने पाया कि CSA6 कोशिका चक्र की प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण नियामक था जिसमें CSA6 की अति-अभिव्यक्ति और विलोपन दोनों से ही कैंडिडा अल्बिकन्स कोशिकाओं की वृद्धि कम हो जाती है।
    • यह गुणसूत्र स्थिरता के एक अनूठे नियामक के कार्यों की पहचान करता है और उसे स्पष्ट करता है जो विशेष रूप से चिकित्सकीय रूप से प्रासंगिक मानव कवक रोगजनकों के समूह में मौजूद है।
    • इसके अलावा, यह उन गुणसूत्रों की पहचान करने के लिये एक व्यवस्थित योजना भी प्रदान करता है जिनके उत्पाद मनुष्यों पर कम प्रतिकूल प्रभाव डालकर कवकीय संक्रमण के लिये संभावित चिकित्सकीय हस्तक्षेप के रूप में काम कर सकते हैं।
      • इसलिये वे छोटे अणु मॉड्यूलेटर जो CSA6 नामक जीन की अभिव्यक्ति स्तर को बदलते हैं, मनुष्यों में बिना किसी दुष्प्रभाव के उपचार के संभावित रास्ते प्रदान करते हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.