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इलेक्ट्रॉनिक चालान प्रणाली का राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन

  • 06 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पीड कैमरा, सीसीटीवी और स्पीड गन जैसे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरणों का उपयोग करके सड़क अनुशासन को और अधिक सख्त बनाने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को राजमार्गों तथा शहरी सड़कों पर सड़क सुरक्षा हेतु ऐसी तकनीक के उपयोग को अनिवार्य बनाने वाले कानूनी प्रावधान को लागू करने का निर्देश दिया।

  • यह कार्यान्वयन मोटर यान (MV) अधिनियम, 1988 की धारा 136A के अंतर्गत आता है, जिसे सड़क सुरक्षा हेतु इलेक्ट्रॉनिक निगरानी को अनिवार्य करने के लिये वर्ष 2019 में संशोधन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था।
    • न्यायालय ने राज्यों को समूहों में संगठित करके अनुपालन की निगरानी करने का निर्णय लिया है और विशेष रूप से दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा केरल की सरकारों को चिह्नित करते हुए उन्हें धारा 136A के अनुपालन पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। 
  • न्यायालय ने राज्य सरकारों को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 167A का अनुपालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। 
    • यह नियम विभिन्न यातायात उल्लंघनों जैसे तेज़ गति से वाहन चलाना, अनाधिकृत पार्किंग और सुरक्षात्मक उपकरण न पहनना, के लिये चालान (दंड) जारी करने के हेतु इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरणों का उपयोग करने के दिशा-निर्देशों को रेखांकित करता है।

और पढ़ें: मोटर यान अधिनियम, 1988; सड़क सुरक्षा

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