राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 | 01 Mar 2022
हाल ही में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) के अवसर पर भारत के वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 1928 में इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता और भौतिक विज्ञानी सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) मनाया जाता है।
- वर्ष 1986 में, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद ने भारत सरकार से 28 फरवरी को NSD के रूप में नामित करने के लिये कहा।
- वर्ष 1987 से यह आयोजन पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा तथा अनुसंधान में मनाया जाता रहा है।
- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ाना, विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और लोगों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देकर नवीन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना तथा एक सकारात्मक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्कृति का निर्माण करना है।
- NSD का समर्थन करने वाली नोडल एजेंसी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) है।
- थीम 2022: "सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" (Integrated Approach in science and technology for Sustainable Future)।
- इंजीनियरिंग सहित विस्तारित वैज्ञानिक हस्तक्षेप।
- चिकित्सा और अन्य संस्थान।
- अतिरिक्त वैज्ञानिक एकीकरण में जल शक्ति, रेलवे जैसे अन्य मंत्रालयों की ज़रूरतों की पहचान शामिल है।
- विस्तारित विज्ञान ने स्टार्टअप और उद्योग को एकीकृत करने वाले सभी समावेशी दृष्टिकोण को संचालित किया।
- थीम एक स्थायी भविष्य के लिये चार गुना एकीकृत दृष्टिकोण पर केंद्रित है जिसमें शामिल हैं:
- थीम 2022: "सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" (Integrated Approach in science and technology for Sustainable Future)।
सी.वी. रमन
- भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था।
- उन्हें वर्ष 1930 में प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में कार्य हेतु भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
- प्रकाश प्रकीर्णन की इस घटना को रमन प्रभाव का नाम दिया गया।
- वर्ष 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
रामन प्रभाव
- रमन प्रभाव अणुओं द्वारा फोटॉन कणों का एक प्रकीर्णन है जो उच्च कंपन या घूर्णी ऊर्जा स्तरों को प्रोत्साहित करते हैं। इसे रमन स्कैटरिंग भी कहा जाता है।
- सरल शब्दों में यह प्रकाश की तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने के कारण होता है।
- जब प्रकाश की एक किरण किसी रासायनिक यौगिक के धूल रहित एवं पारदर्शी नमूने से होकर गुज़रती है तो प्रकाश का एक छोटा हिस्सा आपतित किरण की दिशा से भिन्न अन्य दिशाओं में उभरता है।
- इस प्रकिर्णित प्रकाश के अधिकांश हिस्से का तरंगदैर्ध्य अपरिवर्तित रहता है। हालांँकि प्रकाश का एक छोटा हिस्सा ऐसा भी होता है जिसका तरंगदैर्ध्य आपतित प्रकाश के तरंगदैर्ध्य से भिन्न होता है और इसकी उपस्थिति रमन प्रभाव का परिणाम है।
- रमन प्रभाव रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का आधार निर्मित करता है जिसका उपयोग रसायन विज्ञानियों और भौतिकविदों द्वारा सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु किया जाता है।
- स्पेक्ट्रोस्कोपी पदार्थ और विद्युत चुंबकीय विकिरण के मध्य का अध्ययन है।