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राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक

  • 14 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के परामर्श से राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक (NaBFID) को कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत एक “सार्वजनिक वित्तीय संस्थान” के रूप में अधिसूचित किया है, जिसका उद्देश्य देश में अवसंरचना वित्तपोषण को बढ़ावा देना है।

  • कंपनी अधिनियम, 2013 कंपनियों के निगमन, ज़िम्मेदारियों, निदेशकों और विघटन को नियंत्रित करता है। इसने आंशिक रूप से कंपनी अधिनियम, 1956 का स्थान लिया है।
  • यह अधिसूचना बड़े पैमाने पर बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिये NaBFID की क्षमता को बढ़ाती है तथा राष्ट्रीय बुनियादी अवसंरचना वित्त प्रणाली को प्रभावी करती है।
  • NaBFID की स्थापना वर्ष 2021 में राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक अधिनियम (2021) द्वारा भारत के पाँचवें अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (AIFI) के रूप में की गई थी ताकि बॉन्ड और डेरिवेटिव बाज़ारों के विकास सहित दीर्घकालिक बुनियादी अवसंरचना के वित्तपोषण का समर्थन किया जा सके।
    • फरवरी 2024 तक एक विशेष विकास वित्त संस्थान (DFI) के रूप में NaBFID ने पूरे देश में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के लिये 86,804 करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी दी है, जिसमें 50% मंज़ूरी 20 से 50 वर्षों की लंबी अवधि की है। NaBFID ने मार्च 2026 तक 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी देने की योजना बनाई है।
  • अन्य चार AIFI: 

और पढ़ें: राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक विधेयक, 2021

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