एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण के रूप में नैनोप्लास्टिक | 21 Dec 2024

स्रोत: पीआईबी

हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की बोतलों (SUPB) से प्राप्त नैनोप्लास्टिक एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AR) के प्रसार में योगदान करते हैं, जो एक अज्ञात सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को रेखांकित करता है।

  • एंटीबायोटिक प्रतिरोध, जो कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध का एक प्रकार है, यह तब होता है जब बैक्टीरिया उन दवाओं के प्रभावों का प्रतिरोध करने लगते हैं जो कभी उन्हें नष्ट कर देती थीं या उनके विकास को बाधित करती थीं।  

अध्ययन की मुख्य बातें क्या हैं?

  • इंटेस्टाइन माइक्रोबायोम के लिये जोखिम: नैनोप्लास्टिक्स लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस (इंटेस्टाइन माइक्रोबायोटा) को AR जीन के वाहक में परिवर्तित कर सकता है, जो संक्रमण के दौरान रोगजनक बैक्टीरिया में स्थानांतरित हो सकता है, जिससे AR संकट और भी बढ़ सकता है।
  • क्षैतिज जीन स्थानांतरण (HGT):  पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट बोतल-व्युत्पन्न नैनोप्लास्टिक (PBNP) क्षैतिज जीन स्थानांतरण (HGT) के माध्यम से ई.कोलाई से लैक्टोबेसिलस एसिडोफिलस में AR जीन के स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करते हैं।
    • HGT में जीन को एक जीव से दूसरे जीव में सीधे स्थानांतरित किया जाता है, संभवतः विभिन्न प्रजातियों में। (वर्टिकल जीन ट्रांसफर, माता-पिता से संतान में)।
  • AR जीन स्थानांतरण के दो तंत्र: 
    • प्रत्यक्ष परिवर्तन पथ: PBNP भौतिक वाहक के रूप में कार्य करते हैं, जीवाणु झिल्लियों के पार AR प्लाज़्मिड का परिवहन करते हैं और प्रत्यक्ष जीन स्थानांतरण को बढ़ावा देते हैं।
    • OMV-प्रेरित स्थानांतरण मार्ग: PBNP ऑक्सीडेटिव अवसाद को प्रेरित करता है, जिससे बाहरी झिल्ली पुटिका (OMV) स्राव में वृद्धि होती है। 
      • AR जीन वाले ये OMV, लाभकारी और रोगजनक बैक्टीरिया सहित जीवाणु प्रजातियों के बीच जीन स्थानांतरण को सुगम बनाते हैं।

AR जीन स्थानांतरण तंत्र:

AR_Gene_Transfer_Mechanism

नैनोप्लास्टिक्स क्या हैं?

  • परिभाषा: नैनोप्लास्टिक्स सिंथेटिक या अत्यधिक संशोधित प्राकृतिक पॉलिमर के ठोस कण होते हैं, जिनका आकार 1 NM और 1000 NM के बीच होता है। 
  • प्रकार:
    • प्राथमिक नैनोप्लास्टिक्स: ये उत्पादन प्रेरित नैनोप्लास्टिक्स हैं, आमतौर पर विशिष्ट अनुप्रयोगों हेतु उत्पादित होते हैं।
    • द्वितीयक नैनोप्लास्टिक: पर्यावरण में अधिकांश नैनोप्लास्टिक द्वितीयक होते हैं, अर्थात ये अज्ञात रूप में पर्यावरण में छोड़े गए बड़े प्लास्टिक वस्तुओं के विखंडन से उत्पन्न होते हैं।
  • नैनोप्लास्टिक्स से संबंधित चिंताएँ: 
    • पर्यावरणीय उपस्थिति: समुद्री खाद्य शृंखलाओं और पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती है।
    • जैवसंचय: स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव।
    • विषाक्तता: सूजन, और सामान्य कोशिकीय प्रक्रियाओं में व्यवधान।
    • इंटेस्टाइन माइक्रोबायोम संबंधी व्यवधान: पाचन समस्याएँ, प्रतिरक्षा विकार, या संक्रमण का खतरा बढ़ जाना।

Antimicrobial_Resistance

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? (2019)

1. कुछ व्यक्तियों में आनुवंशिक पूर्ववृत्ति (जेनेटिक प्रीडिस्पोजीशन) का होना
2. रोगों के उपचार के लिये प्रतिजैविकों (एंटिबॉयोटिक्स) की गलत खुराकें लेना
3. पशुधन फार्मिंग में प्रतिजैविकों का इस्तेमाल करना
4. कुछ व्यक्तियों में चिरकालिक रोगों की बहुलता होना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1 और 2   
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 3 और 4
(d) 2, 3 और 4

उत्तर: (b)