प्रारंभिक परीक्षा
नानार रिफाइनरी: महाराष्ट्र
- 08 Apr 2022
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हाल ही में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कोंकण क्षेत्र में नानार तेल रिफाइनरी परियोजना को पुनर्जीवित किया जा सकता है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार परियोजना को रोकने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर रही है।
नानार तेल रिफाइनरी परियोजना:
- इस परियोजना को वर्ष 2014 में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था तथा इसका उद्देश्य पिछड़े हुए कोंकण क्षेत्र में विकास करना था।
- वर्ष 2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले इस परियोजना को बंद कर दिया गया था।
- इसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और सऊदी अरब के स्वामित्व वाली अरामको तथा संयुक्त अरब अमीरात की नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक संयुक्त उद्यम माना जाता था।
- यह अनुमान लगाया गया था कि इस परियोजना में 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और कम-से-कम एक लाख स्थानीय निवासियों के लिये रोज़गार के अवसर उत्पन्न होगे।
- यह सहायक इकाइयों की स्थापना करके रोज़गार के नए अवसर भी सृजित करेगी।
परियोजना को रोकने का कारण:
- परियोजना शुरू करने के लिये सरकार को इस क्षेत्र के 17 गांँवों में फैले 14,000 हेक्टेयर भूक्षेत्र की आवश्यकता थी।
- स्थानीय नेताओं ने इस परियोजना का पुरज़ोर विरोध करते हुए कहा कि तेल रिफाइनरी कोंकण क्षेत्र के पर्यावरण के लिये हानिकारक होगी।
- वर्ष 2019 में 14 ग्राम पंचायतों ने परियोजना को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव अपनाया और स्थानीय निवासियों ने विरोध करने के लिये सड़कों पर उतरकर कहा कि यह परियोजना मछली पकड़ने और धान तथा कटहल की खेती के लिये खतरनाक होगी, जो कि पारंपरिक रूप से स्थानीय निवासियों द्वारा उगाए जाते हैं।