मुरिया जनजाति | 30 Apr 2024

स्रोत: द हिंदू 

  • आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाली मुरिया/मुड़िया जनजाति के पास दोनों राज्यों से प्राप्त मतदाता कार्ड हैं, एक उनके मताधिकार का प्रयोग करने के लिये है एवं दूसरा उनके जन्म के संदर्भ और प्रमाण के लिये।
  • यह बस्ती नक्सलवाद से प्रभावित आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर 'भारत के रेड कॉरिडोरके भीतर स्थित है जो आरक्षित वन के भीतर स्थित एक मरूद्यान (Oasis) है तथा यह बस्ती और निर्वनीकरण पर प्रतिबंध लगाने वाले सख्त कानूनों द्वारा संरक्षित है।
  • मुरिया निवास स्थान को आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (IDPs) के घर के रूप में जाना जाता है, जिनकी आबादी आंध्र प्रदेश में लगभग 6,600 है और यहाँ के मुरियाओं को मूल जनजातियों द्वारा 'गुट्टी कोया' कहा जाता है।
  • यह जनजाति माओवादियों और सलवा जुडूम के बीच संघर्ष के दौरान विस्थापित हुई थी।
    • सलवा जुडूम गैरकानूनी सशस्त्र नक्सलियों के खिलाफ प्रतिरोध के लिये संगठित जनजातीय व्यक्तियों का एक समूह है।
    • कथित तौर पर इस समूह को छत्तीसगढ़ में सरकारी मशीनरी का समर्थन प्राप्त था।
  • मुरिया भारत के छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले का एक मूल आदिवासी, अनुसूचित जनजाति द्रविड़ समुदाय है। वे गोंडी समुदाय का हिस्सा हैं।
    • वे कोया (एक द्रविड़) भाषा बोलते हैं।
    • उनका विवाह और समग्र जीवन के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण है।

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