प्रारंभिक परीक्षा
मोनार्क तितली
- 26 Jul 2022
- 5 min read
हाल ही में प्रवासी मोनार्क तितलियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा जारी रेड लिस्ट में लुप्तप्राय घोषित किया गया है।
मोनार्क तितली:
- परिचय:
- यह डैनॉस प्लेक्सिपस तितली की एक उप-प्रजाति है जो पूरे अमेरिका प्रवास के दौरान लगभग 4,000 किलोमीटर की यात्रा करती है।
- यह सबसे अधिक पहचानी जाने वाली तितली प्रजाति है जो आवश्यक परागण और वैश्विक खाद्य प्रणाली को बनाए रखने जैसी विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करती है।
- प्रजातियों की एक छोटी आबादी ऑस्ट्रेलिया, हवाई और भारत जैसे देशों में भी पाई जाती है।
- मुद्दे:
- पिछले दशक में महाद्वीप में उनकी आबादी में 23-72% की गिरावट आई है।
- पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से प्रवास करने वाली तितलियों की जनसंख्या में वर्ष 1996-2014 के बीच 84% तक गिरावट आई है।
- वे एक अनूठा जीवन जीते हैं क्योंकि वे केवल एक विशेष पौधे द मिल्कवीड में प्रजनन करते हैं लेकिन किसानों द्वारा इस पौधे को काटने से इनकी आबादी में कमी आई है।
- इसके अलावा किसान मिल्कवीड पौधों से खरपतवारों को हटाने के लिये भी व्यापक रूप से खरपतवार नाशक दवाओं का उपयोग करते हैं।
- खरपतवारनाशी को खरपतवार नाशक या कीटनाशकों के रूप में जाना जाता है जिनका उपयोग अवांछित पौधों को हटाने के लिये किया जाता है।
- इसके अलावा किसान मिल्कवीड पौधों से खरपतवारों को हटाने के लिये भी व्यापक रूप से खरपतवार नाशक दवाओं का उपयोग करते हैं।
- कानूनी और अवैध कटाई तथा वनों की कटाई से कृषि एवं शहरी विकास के लिये जगह उपलब्ध होती है, जो इसके आवास के विनाश का कारण बनती है।
- बार-बार आने वाले तूफान और अधिक तीव्र सूखे की स्थिति फूलों के चक्र को बाधित करती हैं, जिसके कारण लाखों तितलियाँ मर जाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN):
- यह दुनिया की प्राकृतिक स्थिति को संरक्षित रखने के लिये एक वैश्विक प्राधिकरण है जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी।
- यह पर्यावरण, वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन और भागीदारी भी करता है तथा राष्ट्रीय संरक्षण कानून, नीतियों एवं प्रथाओं को लागू करने में मदद करता है, साथ ही दुनिया भर में हज़ारों क्षेत्रीय परियोजनाओं का संचालन या प्रबंधन करता है।
- इसकी सदस्यता में 140 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक सरकारी और गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं।
- यह संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट को बनाए रखता है, जो हज़ारों पौधों और जानवरों की प्रजातियों के विलुप्त होने के मौजूदा जोखिम का एक व्यापक मूल्यांकन है।
- IUCN को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।
- IUCN रेड लिस्ट कैटेगरी मूल्यांकन की गई प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम को परिभाषित करती है। यह प्रजातियों को नौ श्रेणियों में सूचीबद्ध करता है।
- मूल्यांकन नहीं किया गया (NE) से विलुप्त ( Extinct-EX)।
- गंभीर रूप से लुप्तप्राय (CR), लुप्तप्राय (EN) और संवेदनशील(VU) प्रजातियों को विलुप्त होने का खतरा माना जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है? (2012) (a) महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा उत्तर: A व्याख्या:
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स्रोत: डाउन टू अर्थ