एमआईएसटी पनडुब्बी केबल प्रणाली | 27 Jul 2022
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) की मंज़ूरी के लिये MIST (म्याँमार/मलेशिया-भारत-सिंगापुर ट्राँज़िट) पनडुब्बी केबल प्रणाली की सिफारिश की।
- यह मुंबई में स्थापित होने वाला 17वाँ ऐसा ऑप्टिकल फाइबर केबल सिस्टम होगा जिसके वर्ष 2023 में सेवा हेतु उपलब्ध होने की उम्मीद है।
म्याँमार/मलेशिया-भारत-सिंगापुर ट्राँज़िट (MIST):
- MIST अंतर्राष्ट्रीय पनडुब्बी केबल संचार नेटवर्क है, जो भारत को म्याँमार, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे अन्य एशियाई देशों के साथ जोड़ने के लिये समुद्र के नीचे स्थापित किया जाता है।
- यह चेन्नई से होते हुए मुंबई से सिंगापुर को जोड़ने वाली समुद्र के नीचे 8,100 किमी. लंबा ट्रांसनेशनल फाइबर ऑप्टिक केबल सिस्टम है।
- यह केबल प्रणाली मुंबई में वर्सोवा बीच पर समाप्त हो जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री केबल प्रणाली के तहत कुल लंबाई में से 523.50 किलोमीटर तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र में लगभग 12 समुद्री मील और महाराष्ट्र की CRZ सीमा में 202.06 किलोमीटर केबल बिछाई जाएगी।
परियोजना का महत्त्व:
- MIST केबल सिस्टम एशिया में सुरक्षित, विश्वसनीय, मज़बूत और सस्ती दूरसंचार सुविधाएँ प्रदान करेगा।
- यह भारत और अन्य एशियाई देशों जैसे- म्याँमार, थाईलैंड, मलेशिया एवं सिंगापुर के बीच दूरसंचार संपर्क को बढ़ावा देगा।
- यह वैश्विक संचार के लिये अत्यधिक महत्त्वपूर्ण परियोजना है और इसका मुंबई के तटीय पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।
- चेन्नई तट पर अंतर्राष्ट्रीय केबल लैंडिंग की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इससे विभिन्न हितधारकों के परस्पर संघर्ष में भी कमी आएगी।
आगामी परियोजनाएँ :
- रिलायंस जियो इंफोकॉम इंडिया-एशिया एक्सप्रेस (IAX), भारत को मालदीव, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड से जोड़ती है।
- भारत-यूरोप एक्सप्रेस (IEX) सऊदी अरब और ग्रीस के माध्यम से भारत को इटली से जोड़ती है।
- दूरसंचार प्रदाताओं के संघ के स्वामित्व वाली SeaMeWe-6 परियोजना भारत, बांग्लादेश, मालदीव के माध्यम से सिंगापुर को फ्राँस से जोड़ेगी।
- अफ्रीका-2 केबल कई अफ्रीकी देशों द्वारा भारत को यूनाइटेड किंगडम से जोड़ेगी।
पनडुब्बी संचार केबल:
- यह महासागर और सागर के हिस्सों में दूरसंचार संकेतों को प्रसारित करने के लिये भूमि आधारित स्टेशनों के बीच समुद्र तल पर बिछाई गई केबल है।
- आधुनिक पनडुब्बी केबल फाइबर-ऑप्टिक तकनीक का उपयोग करती है।
- ऑप्टिकल फाइबर तत्त्व आमतौर पर जहाँ केबल बिछाई जानी है वहाँ पर प्लास्टिक की परतों के साथ लेपित होते हैं और पर्यावरण की दृष्टि से उपयुक्त सुरक्षात्मक ट्यूब में निहित होते हैं।
- उपग्रहों की तुलना में पनडुब्बी केबल्स के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करना अधिक विश्वसनीय, लागत प्रभावी और अधिक क्षमता वाला है।
ऑप्टिकल फाइबर:
- ऑप्टिकल फाइबर डिजिटल अवसंरचना की रीढ़ है; डेटा पतले फाइबर के लंबे स्ट्रैंड के माध्यम से यात्रा करने वाले प्रकाश-स्पंदों (Light Pulses) द्वारा प्रेषित होता है।
- फाइबर कम्युनिकेशन में संचरण के लिये धातु के तारों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसमें सिग्नल कम हानि के साथ यात्रा करते हैं।
- ऑप्टिकल फाइबर पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection- TIR) के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- प्रकाश की किरणों का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा संचारित करने के लिये किया जा सकता है (बिना मोड़ के लंबे सीधे तार के मामले में)।
- यदि तार में मोड़ हो तो ऑप्टिकल केबलों को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वे सभी प्रकाश किरणों को अंदर की ओर मोड़ते हों (TIR का उपयोग कर)।