आकस्मिक मिसाइल फायरिंग | 12 Mar 2022
हाल ही में भारत ने स्वीकार किया है कि ‘तकनीकी खराबी के कारण मिसाइल की आकस्मिक फायरिंग हुई’ जो पाकिस्तानी क्षेत्र में 124 किलोमीटर तक पहुँच गई थी।
- अनुमान के मुताबिक, यह भारत की शीर्ष मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस का परीक्षण था, जिसे रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
मिसाइल परीक्षण संबंधी प्रावधान:
- वर्ष 2005 में हस्ताक्षरित ‘बैलिस्टिक मिसाइल समझौते’ की ‘उड़ान परीक्षण पूर्व-अधिसूचना’ के तहत प्रत्येक देश को किसी भी भूमि या समुद्र से लॉन्च की गई, सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के लिये उड़ान परीक्षण को लेकर एक अग्रिम सूचना देनी होगी।
- परीक्षण से पहले उस देश को क्रमशः विमानन पायलट और नाविकों को सचेत करने के लिये वायु मिशन (NOTAM) या नौवहन चेतावनी (NAVAREA) को नोटिस जारी करना चाहिये।
- साथ ही परीक्षण करने वाले देश को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि प्रक्षेपण स्थल 40 किलोमीटर के भीतर नहीं है और नियोजित प्रभाव क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) या नियंत्रण रेखा (LoC) के 75 किलोमीटर के भीतर नहीं है।
- नियोजित प्रक्षेपवक्र को अंतर्राष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा को पार नहीं करना चाहिये और सीमा से कम-से-कम 40 किलोमीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिये।
- परीक्षण करने वाले देश द्वारा "पाँच दिन की लॉन्च विंडो शुरू होने से कम-से-कम तीन दिन पहले सूचित किया जाना चाहिये, जिसके भीतर वह किसी भी ज़मीन या समुद्र में लॉन्च की गई सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का उड़ान परीक्षण करने का इरादा रखता है।
- पूर्व-अधिसूचना को "संबंधित विदेशी कार्यालयों और उच्चायोग के माध्यम से अवगत कराया जाना है"।
वायु मिशनों को नोटिस (NOTAMs)
- NOTAMs का अभिप्राय एक ऐसी जानकारी से है जिसमें उड़ान के संचालन से संबंधित कर्मियों के लिये आवश्यक जानकारी होती है जो अन्य माध्यमों से प्रचारित करने हेतु पर्याप्त रूप से पहले से ज्ञात न हो।
वर्ल्ड वाइड नेविगेशनल वार्निंग सर्विस (WWNWS)
- वर्ल्ड वाइड नेविगेशनल वार्निंग सर्विस (WWNWS) की स्थापना वर्ष 1977 में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के नेविगेशन हेतु विश्व भर में खतरों के बारे में जानकारी के लिये की गई थी।
- नौवहन संबंधी चेतावनियाँ उन महत्त्वपूर्ण घटनाओं की प्रारंभिक सूचना प्रदान करती हैं जो नौपरिवहन के लिये खतरा बन सकती हैं।
- कई नौवहन संबंधी चेतावनियाँ अस्थायी प्रकृति की होती हैं लेकिन अन्य चेतावनियाँ कई हफ्तों तक लागू रहती हैं जो नोटिस टू मेरिनर्स (NMs) द्वारा सफल हो सके।
ब्रह्मोस मिसाइल:
- ब्रह्मोस भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा रूस के NPOM का एक संयुक्त उद्यम है।
- ब्रह्मोस का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है।
- यह दो चरणों वाली (पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन और दूसरे में तरल रैमजेट) मिसाइल है।
- यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है यानी इसे ज़मीन, हवा और समुद्र तथा बहु-क्षमता वाली मिसाइल से सटीकता के साथ लॉन्च किया जा सकता है, जो किसी भी मौसम में दिन और रात में काम करती है।
- यह ‘फायर एंड फॉरगेट्स’ सिद्धांत पर कार्य करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती।
- ब्रह्मोस सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइलों में से एक है, यह वर्तमान में मैक 2.8 की गति के साथ कार्य करती है, जो कि ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना अधिक है।