प्रारंभिक परीक्षा
माया पिट वाइपर
- 23 May 2022
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हाल ही में मेघालय के री-भोई ज़िले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन में त्रिमेरेसुरुस्माया या माया पिट वाइपर नाम के एक नए ज़हरीले हरे साँप की प्रजाति देखी गई है।
पिट वाइपर की मुख्य विशेषताएँ:
- माया पिट वाइपर:
- इस साँप की लंबाई लगभग 750 मिमी. है।
- यह देखने में पोप्स पिट वाइपर से काफी मिलता-जुलता है लेकिन इसकी आँखों का रंग अलग है।
- माया पिट वाइपर और पोप्स पिट वाइपर के हेमेपेनिस (Hemepenis) भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं
- एक पशु चिकित्सक के अनुसार, यह नई प्रजाति मेघालय, मिज़ोरम और यहाँ तक कि गुवाहाटी में भी अपेक्षाकृत आम थी।
- पिट वाइपर:
- पिट वाइपर, वाइपर की कोई भी प्रजाति (सबफैमिली क्रोटालिने) जिसमें दो जंगम (नुकीले डंक) के अलावा आँख और नथुने के बीच एक गर्मी-संवेदनशील अंग होता है जो इसे शिकार करने में सहायता करता है।
- पिट वाइपर रेगिस्तान से लेकर वर्षा वनों तक में पाए जाते हैं।
- ये स्थलीय, वृक्षीय या जलीय हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रजातियाँ अंडे देती हैं और अन्य प्रजातियाँ जीवित बच्चों को जन्म देती हैं।
- विषैले पिट वाइपर प्रजातियों में हंप-नोज्ड पिट वाइपर, मैंग्रोव पिट वाइपर और मालाबार पिट वाइपर शामिल हैं।
- रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर भारत में पाई जाने वाली दो सबसे ज़हरीली वाइपर प्रजातियांँ हैं जो भारत के चार सबसे ज़हरीले एवं सबसे घातक सांँपों के सदस्य हैं।
- भारत में ज़्यादातर सर्पदंश की घटनाएँ इन्हीं प्रजातियों के कारण होती हैं।
- महत्त्व:
- देश में पिछले दो दशकों में लगभग 1.2 मिलियन लोग सर्पदंश के कारण मारे गए हैं एवं कई लोग अपने अंग खो चुके हैं, ऐसे में एक नए ज़हरीले सांँप की खोज सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
- ज़हर एक जटिल प्रोटीन है जो ज़्यादातर प्रजातियों में अद्वितीय है, इसलिये एक नई प्रजाति की खोज से इसके ज़हर और मानव जीवन पर इसके प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी।
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. किंग कोबरा एकमात्र ऐसा साँप है जो अपना घोंसला खुद बनाता है। यह अपना घोंसला क्यों बनाता है? (2010) (A) यह साँपों को खाता है तथा इसका घोंसला अन्य साँपों को आकर्षित करने में मदद करता है। उत्तर: C
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