मतुआ समुदाय | 23 May 2024
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
पश्चिम बंगाल का मतुआ समुदाय नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act- CAA), 2019 के कार्यान्वयन की मांग कर रहा है।
- मतुआ, बंगाली हिंदुओं का एक वंचित/दलित वर्ग है। यह वर्ग बंगाल के अनुसूचित जाति समूह का हिस्सा है। वर्ष 1971 के युद्ध (जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश अस्तित्त्व में आया) से पूर्व तथा उसके पश्चात् मतुआ समुदाय के लाखों लोगों ने धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत में प्रवास किया।
- पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति की कुल आबादी में नामशूद्र (मतुआ) समुदाय की हिस्सेदारी 17.4% है और उत्तर बंगाल में राजबांशियों के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा समूह है।
- हरिचंद ठाकुर नाम के एक समाज सुधारक को मतुआ महासंघ (Matua Mahasangha) का संस्थापक माना जाता है, जो मतुआ समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है।
- इन्होंने जाति आधारित उत्पीड़न का विरोध किया तथा दलितों के शिक्षा और सामाजिक उत्थान की दिशा में कार्य किया।