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मणिपुर ने RBI के दंगा प्रावधानों को लागू किया

  • 24 Jun 2023
  • 7 min read

हाल ही में मणिपुर सरकार ने दंगों और हिंसा से प्रभावित राज्य में गंभीर स्थिति को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दंगा प्रावधानों को लागू किया है।

  • दिशा-निर्देश में संकट के कारण उधारकर्त्ताओं द्वारा ऋण चुकाने में असमर्थता को स्वीकार किया गया और प्रभावित व्यक्तियों के लिये राहत उपायों की मांग की गई।
  • जबकि आमतौर पर इसे प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लागू किया जाता है, यह कदम कानून-व्यवस्था की स्थिति के जवाब में इसके उपयोग का पहला उदाहरण है।

प्रावधान: 

  • RBI दिशा-निर्देश 2018:
    • प्रावधान "भारतीय रिज़र्व बैंक (प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपाय) दिशा-निर्देश, 2018" के अध्याय संख्या 7 के अनुसार हैं।
      • जब भी RBI बैंकों को दंगा/अशांति प्रभावित व्यक्तियों को पुनर्वास सहायता देने की सलाह देता है, तो इस उद्देश्य के लिये बैंकों द्वारा उपरोक्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है।
    • यह प्रावधान विशेष रूप से "दंगे और अशांति" को संबोधित करता है।
    • इसके नियम कई मानदंडों को निर्दिष्ट करते हैं जिनका पालन ऋणों के पुनर्गठन, नए ऋण प्रदान करने और केवाईसी मानदंडों सहित अन्य उपायों के लिये किया जाता है।
    • निर्देशों के अनुसार, दंगों के समय अतिदेय को छोड़कर सभी अल्पकालिक ऋण पुनर्गठन के पात्र होंगे।
  • प्रयोज्यता:
    • इन निर्देशों के प्रावधान प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (RBI द्वारा भारत में संचालित लाइसेंस प्राप्त लघु वित्त बैंक (SFB) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB को छोड़कर) पर लागू होंगे।
  • फसल ऋण: 
    • फसल ऋण के मामले में यदि नुकसान 33% और 50% के बीच है, तो उधारकर्त्ता अधिकतम दो वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि हेतु पात्र हैं। यदि फसल का नुकसान 50% से अधिक है, तो पुनर्भुगतान अवधि अधिकतम पाँच वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।
    • इसके अतिरिक्त सभी पुनर्गठित ऋण खातों में कम-से-कम एक वर्ष की अधिस्थगन अवधि होगी।
  • दीर्घकालिक कृषि ऋण:
    • यदि उत्पादक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाए बिना फसल क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो बैंक प्रभावित वर्ष हेतु किस्त भुगतान को पुनर्निर्धारित कर सकते हैं और ऋण अवधि को एक वर्ष तक बढ़ा सकते हैं।
    • इसके अतिरिक्त बैंकों के पास उधारकर्त्ताओं द्वारा ब्याज भुगतान को स्थगित करने का विकल्प है। हालाँकि यदि उत्पादक संपत्तियाँ भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो नए ऋण की आवश्यकता हो सकती है।
  • नया ऋण: 
    • बैंक उधारकर्त्ताओं की ऋण आवश्यकताओं का मूल्यांकन कर ऋण अनुमोदन प्रक्रियाओं का पालन करेंगे तथा मौजूदा उधारकर्त्ताओं को व्यक्तिगत गारंटी के बिना 10,000 रुपए तक संपार्श्विक-मुक्त उपभोग ऋण की पेशकश कर सकते हैं चाहे परिसंपत्ति का मूल्य ऋण की राशि से कम क्यों न हो।
  • KYC मानदंडों में छूट: 
    • जिन व्यक्तियों ने दंगों के कारण अपने दस्तावेज़ खो दिये हैं उनके लिये बैंकों को नए खाते खोलने की ज़रूरत है। 
    • यह वहाँ लागू होगा जहाँ खाते में शेष राशि 50,000 रुपए से अधिक नहीं होगी तथा खाते में कुल क्रेडिट 1,00,000 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिये।

ऋण पुनर्गठन:

  • परिचय: 
    • ऋण पुनर्गठन व्यवसायों, व्यक्तियों और सरकारों को ऋणों पर कम ब्याज दरों पर वार्ता करके दिवालियापन से बचने की अनुमति देता है। जब किसी देनदार को अपने बिलों का भुगतान करने में परेशानी होती है तो ऋण पुनर्गठन दिवालिया होने की तुलना में आसान होता है। यह देनदार एवं लेनदार दोनों की सहायता कर सकता है। 
    • कंपनियाँ शीघ्रता से लचीलापन हासिल करने और समग्र ऋण भार का प्रबंधन करने के लिये अपनी ऋण प्रतिबद्धताओं की शर्तों पर वार्ता करके दिवालिया होने से बच सकती हैं।
  • लाभ: 
    • ऋण पुनर्गठन का मुख्य लक्ष्य व्यवसाय को बचाना और इसे बनाए रखना है।
    • यह कानून की सहायता से व्यवसाय को लेनदारों से बचाता है।
    • यदि कंपनी दिवालिया नहीं होती है, तो इस स्थिति में लेनदारों को अधिक पैसा वापस मिलता है। जब बात उन लोगों की आती है जो पैसा उधार लेना चाहते हैं, तब ऐसे में ऋण-पुनर्गठन व्यक्तिगत ऋण लेनदारों को बेहतर परिणाम व लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा हाल ही में समाचारों में आए ‘दबावयुक्त परिसंपत्तियों की धारणीय संरचना पद्धति (स्कीम फॉर सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्टेस्ड एसेट्स/S4A)’ का सर्वोत्कृष्ट वर्णन करता है? (2017)

(a) यह सरकार द्वारा निरूपित विकासपरक योजनाओं की पारिस्थितिक कीमतों पर विचार करने की पद्धति है।
(b) यह वास्तविक कठिनाइयों का सामना कर रही बड़ी कॉर्पोरेट इकाइयों की वित्तीय संरचना के पुनर्संरचना के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक की स्कीम है।
(c) यह केंदीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बारे में सरकार की विनिवेश योजना है।
(d) यह सरकार द्वारा हाल ही में क्रियान्वित ‘इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्ट्सी कोड’ का एक महत्त्वपूर्ण उपबंध है

उत्तर: (b) 

स्रोत:द हिंदू

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