लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

मकर संक्रांति

  • 17 Jan 2022
  • 3 min read

हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा फसल त्योहारों मकर संक्रांति, उत्तरायण, भोगी, माघ बिहू और पोंगल के अवसर पर देश भर में लोगों को बधाई दी गई।

  • इन त्योहारों के माध्यम से देश भर के लाखों किसान अपनी कड़ी मेहनत और उद्यम का जश्न मनाते हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • मकर संक्रांति:
    • मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि (मकर) में प्रवेश को दर्शाता है क्योंकि यह अपने खगोलीय पथ (Celestial Path) की परिक्रमा करता है।
    • यह दिन गर्मियों की शुरुआत और हिंदुओं के लिये छह महीने की शुभ अवधि का प्रतीक है, जिसे उत्तरायण (सूर्य की उत्तर की ओर गति) के रूप में जाना जाता है। 
      • 'उत्तरायण' के एक आधिकारिक उत्सव के रूप में गुजरात सरकार द्वारा वर्ष 1989 से अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
    • इस दिन से जुड़े उत्सवों को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
      • उत्तर भारतीय हिंदुओं और सिखों द्वारा लोहड़ी के रूप में।
      • मध्य भारत में संकरात।
      • असमिया हिंदुओं द्वारा भोगली बिहू।
      • तमिल और अन्य दक्षिण भारतीय हिंदुओं द्वारा पोंगल के रूप में।
  • बीहू:
    • यह तब मनाया जाता है जब असम में वार्षिक फसल होती है। असमिया नए वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने हेतु लोग रोंगाली/माघ बिहू मनाते हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत उस समय से हुई थी जब घाटी के लोगों ने ज़मीन जोतना शुरू कर दिया था। बिहू त्योहार को ब्रह्मपुत्र नदी जितना पुराना माना जाता है।
  • पोंगल:
    • पोंगल शब्द का अर्थ है ‘उफान’ (Overflow) या विप्लव (Boiling Over)।
    • इसे थाई पोंगल के रूप में भी जाना जाता है, यह चार दिवसीय उत्सव तमिल कैलेंडर के अनुसार ‘थाई’ माह में मनाया जाता है, जब धान आदि फसलों की कटाई की जाती है और लोग ईश्वर तथा भूमि की दानशीलता के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
    • इस उत्सव के दौरान तमिल लोग चावल के आटे से अपने घरों के आगे कोलम नामक पारंपरिक रंगोली बनाते हैं।

shishur-sankraat

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2