रैपिड फायर
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007
- 12 Apr 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सर्वोच्च न्यायालय ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत अपने बेटे को बेदखल करने की एक वरिष्ठ दंपति की याचिका को खारिज कर दिया।
- MWPSC अधिनियम (वरिष्ठ नागरिक अधिनियम) के बारे में: यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक) को, जो अपनी आय या संपत्ति से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं, अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण मांगने का अधिकार देता है।
- बच्चों या रिश्तेदारों का कानूनी तौर पर यह दायित्व है कि वे वृद्ध माता-पिता की सहायता करें ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
- इस अधिनियम के अंतर्गत भरण-पोषण संबंधी मामलों की सुनवाई के लिये विशेष न्यायाधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित किये गए हैं।
- धारा 23(1) के तहत , यदि कोई वरिष्ठ नागरिक इस शर्त पर संपत्ति उपहार में देता है या हस्तांतरित करता है कि हस्तांतरितकर्त्ता बुनियादी देखभाल और सुविधाएँ प्रदान करेगा, तो शर्त का उल्लंघन होने पर हस्तांतरण रद्द किया जा सकता है।
- धारा 23(2) संपत्ति के हस्तांतरण के बाद भी उससे भरण-पोषण पाने का अधिकार सुनिश्चित करती है, बशर्ते कि नए मालिक को इस दायित्व की जानकारी हो।
- घरेलू हिंसा अधिनियम बनाम वरिष्ठ नागरिक अधिनियम: घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (DV अधिनियम) महिलाओं को संयुक्त घर में रहने का अधिकार देता है, भले ही उनके पास संपत्ति का कोई स्वामित्व न हो। लेकिन वरिष्ठ नागरिक अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों को यह अधिकार देता है कि यदि उनके बच्चे या रिश्तेदार उनका भरण-पोषण करने में असफल रहते हैं या उन्हें संकट में डालते हैं तो वे उन्हें अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं।
- घरेलू हिंसा अधिनियम द्वारा प्रदत्त सुरक्षा अभी भी प्रभावी है, तथा महिलाओं के अपने घरों में रहने के अधिकारों को वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के साथ सावधानीपूर्वक संतुलित किया जाना चाहिये।
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