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महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर

  • 22 Aug 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में प्रधानमंत्री ने महान महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा के विकास में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान तथा निर्धन और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर:

  • उनका जन्म 19 अगस्त 1908 को त्रिपुरा में हुआ था और उन्हें "त्रिपुरा के आधुनिक वास्तुकार" के रूप में भी जाना जाता है। 
  • उन्होंने पहला उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित किया, भूमि सुधारों का समर्थन किया और स्वदेशी लोगों के लिये भूमि आरक्षित की, जिसके परिणामस्वरूप त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त ज़िला परिषद (TTAADC) का गठन हुआ। 
  • वे यूरोप और अमेरिका (1931-1939) की यात्रा करने वाले त्रिपुरा के पहले शासक थे।
  • वर्ष 1947 में 39 वर्ष की अल्पायु में उनका निधन हो गया। उनकी असामयिक मृत्यु ने त्रिपुरा के विकास को प्रभावित किया। 
  • अगरतला हवाई अड्डे को पहले सिंगरभील हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता था, जिसका नाम जुलाई 2018 में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर के नाम पर रखा गया।
    • इसके लिये भूमि उनके द्वारा दान की गई थी और इसका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एयर फोर्स के लिये तकनीकी बेस के रूप में किया गया था।

त्रिपुरा:

  • त्रिपुरा पूर्वोत्तर क्षेत्र (असम के बाद) में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जो बांग्लादेश, मिज़ोरम और असम के साथ सीमा साझा करता है।
  • वन्यजीव अभयारण्य: गुमटी वन्यजीव अभयारण्य, रोवा वन्यजीव अभयारण्य, सिपाहीजाला वन्यजीव अभयारण्य और तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य
  • राष्ट्रीय उद्यान: बाइसन (राजबारी) NP और क्लाउडेड लेपर्ड NP 

और पढ़ें: महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा: त्रिपुरा, ग्रेटर टिपरालैंड, त्रिपुरा की मांग

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