प्रारंभिक परीक्षा
लोकल बबल
- 14 Jan 2023
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हाल ही में सौरमंडल के चारों ओर विशाल ब्रह्मांडीय गुहा पर नए अध्ययन में ब्रह्मांड के रहस्यों और तारों की उत्पत्ति को उज़ागर करने की क्षमता का पता चला है।
- सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (CfA) के शोधकर्त्ता हार्वर्ड और स्मिथसोनियन ने लोकल बबल नामक गुहा का 3डी चुंबकीय मानचित्र तैयार किया है।
लोकल बबल:
- लोकल बबल 1,000 प्रकाश-वर्ष चौड़ा गुहा या सुपर बबल है। आकाशगंगा में अन्य सुपर बबल भी मौजूद हैं।
- लोकल बबल हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे के इंटरस्टेलर माध्यम (Interstellar MediumISM) में एक बड़ा, कम घनत्त्व वाला क्षेत्र है।
- इंटरस्टेलर माध्यम वह पदार्थ है जो तारों के बीच के स्थान को भरता है।
- यह एक गुहा है जिसे लगभग 30 से 50 मिलियन वर्ष पहले हुए सुपरनोवा विस्फोटों की एक शृंखला द्वारा निर्मित माना जाता है।
सुपरनोवा:
- सुपरनोवा एक शक्तिशाली और चमकदार विस्फोट है जो एक विशाल तारे के जीवन के अंत में होता है।
- यह तारे के कोर के पतन के कारण होता है, जो ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा उत्पन्न कर सकता है।
- सुपरनोवा भारी तत्त्वों के साथ अंतर-तारकीय माध्यम के संवर्द्धन और कॉस्मिक किरणों के प्रसार के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।
- सुपरनोवा के दो मुख्य प्रकार हैं:
- टाइप I:
- यह एक सफेद बौने तारे के थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट के कारण होने वाला सुपरनोवा है जो एक बाइनरी सिस्टम का हिस्सा है।
- सफेद बौना अपने साथी तारे से सामग्री प्राप्त करता है और जब इसका द्रव्यमान एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो यह अस्थिर हो जाता है एवं विस्फोट हो जाता है।
- टाइप II:
- यह एक विशाल तारे के कोर के गुरुत्त्वीय पतन के कारण होता है।
- जब किसी तारे का नाभिकीय ईंधन समाप्त हो जाता है, तो तारे की बाहरी परतें अंदर की ओर धंँस जाती हैं, जिससे कोर (Core) अत्यधिक गर्म और घना हो जाता है।
- इससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, और तारे में विस्फोट होता है।
- क्षणिक ही सही, लेकिन विस्फोट की चमक पूरी आकाशगंगा में सबसे ज़्यादा प्रकाशमान होती है और विस्फोट के मलबे से तारा धुंध (Nebulae), धूल और भारी तत्त्वों का निर्माण हो सकता है।
- टाइप I:
लोकल बबल्स को 3D मानचित्र के रूप में दर्शाने के साधन:
- इसमें यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की Gaia और Planck अंतरिक्ष आधारित वेधशालाओं का इस्तेमाल किया गया।
- Gaia का उपयोग ब्रह्मांडीय धूल कण की अवस्थिति और क्षेत्रीय एकाग्रता को समझने के किया गया था।
- इससे लोकल बबल की सीमाओं का पता लगाने में भी मदद मिली।
- Planck की सहायता से ब्रह्मांडीय धूल कण के चुंबकीय संरेखण के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई।
- यह संरेखण धूल के कणों पर कार्य करने वाले चुंबकीय क्षेत्र के अभिविन्यास को इंगित कर सकता है, जो शोधकर्त्ताओं को लोकल बबल्स की सतह पर 3डी चुंबकीय क्षेत्र अभिविन्यास उत्पन्न करने की अनुमति देता है।
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