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कार्ल एरिक मुलर के लिथोग्राफ

  • 07 May 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts- IGNCA) के संरक्षण और अभिलेखागार प्रभाग ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस (2 मई) के अवसर पर 'पीपल एंड प्लेसेज़ ऑफ इंडिया- ए रेट्रोस्पेक्ट' नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया।

  • प्रदर्शनी में IGNCA अभिलेखागार से जर्मन कलाकार कार्ल एरिक मुलर के लिथोग्राफ प्रदर्शित किये गए।
  • मुलर की ये कृतियाँ 1970 के दशक में रोज़मर्रा की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं जिनमें मजदूर, परिवहन श्रमिक, कारखाने के कर्मचारी और अपने प्राकृतिक वातावरण में मछुआरे शामिल हैं।
  • मुलर की कृतियाँ IGNCA, NGMA (नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट) और भारत कला भवन में रखी गई हैं।
  • अपने लिथोग्राफ में उन्होंने सामान्य जीवन के सार को समाहित किया तथा इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी अभिव्यक्तियों को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती ।
  • IGNCA की स्थापना वर्ष 1987 में संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में की गई थी।
    • इसे कला के क्षेत्र में अनुसंधान, अकादमिक खोज और प्रसार केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था।

और पढ़ें: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र

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