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तड़ित चालक और वज्रपात

  • 14 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान और वायुमंडलीय नमी में वृद्धि से वैश्विक स्तर पर वज्रपात की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है क्योंकि गर्म वायु और आर्द्र बादलों के संपर्क से आवेश पृथक्करण को बढ़ावा मिलता है।  

  • वज्रपात: यह एक प्राकृतिक विद्युतीय घटना है जो तूफानों के दौरान वायुमंडल में स्थैतिक विद्युत आवेश के संग्रहण के कारण होती है।
    • इसका निर्माण तब होता है जब बादलों में जल की बूँदें बर्फ के क्रिस्टल के रूप में में जम जाने से इनके बीच घर्षण होता है, जिससे एक स्थैतिक चार्ज उत्पन्न होने से अंततः वज्रपात होता है।
  • तड़ित चालक: यह सुचालक छड़ है जिसे विद्युत को आकर्षित करने तथा उसके निर्वहन हेतु एक नियंत्रित पथ प्रदान करने के क्रम में किसी बिल्डिंग के सबसे ऊँचे बिंदु पर स्थापित किया जाता है।
    • विद्युत, सबसे अधिक विद्युत विभव वाली वस्तु की ओर आकर्षित होती है।
    • छड़ के आकार से एक मज़बूत विद्युत क्षेत्र बनता है जिससे धारा के प्रवाह हेतु एक मार्ग मिलता है। छड़ से विद्युत आवेश भूमि की ओर स्थानांतरित होता है, जिसके कारण विद्युत आवेश जमीन में जाकर निष्क्रिय हो जाता है।

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