प्रारंभिक परीक्षा
लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल
- 25 Nov 2022
- 3 min read
पनामा में अपनी 19वीं बैठक में CITES के पक्षकारों के सम्मेलन ने लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल को परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में स्थानांतरित करने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किया।
- जेपोर हिल गेको (सिर्टोडक्टिलस जेपोरेंसिस) को परिशिष्ट II में शामिल करने के लिये भारत ने प्रस्ताव रखा।
सूचीकरण का महत्त्व:
- CITES की परिशिष्ट I सूची यह सुनिश्चित करेगी कि इस कछुए (टर्टल) की प्रजाति का कानूनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिये न हो।
- सूचीकरण यह भी सुनिश्चित करेगा कि बंदी-नस्ल (कैप्टिव-ब्रेड) के नमूनों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केवल पंजीकृत केंद्रों से ही किया जाना चाहिये तथा प्रजातियों के अवैध व्यापार के लिये उच्च और अधिक आनुपातिक दंड का प्रावधान करेगा।
- लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल का सूचीकारण इस प्रकार की प्रजातियों के बेहतर अस्तित्त्व को सुनिश्चित करने के लिये इसकी CITES सुरक्षा स्थिति को मज़बूत करती है।
लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल:
- परिचय:
- लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल (निल्सोनिया लेथि) एक बड़ा ताज़े पानी का नरम खोल वाला कछुआ है जो प्रायद्वीपीय भारत के लिये स्थानिक है और नदियों तथा जलाशयों में पाया जाता है।
- खतरे:
- इस कछुए की प्रजाति की आबादी में पिछले 30 वर्षों में 90%की गिरावट का अनुमान लगाया गया है।
- भारत के भीतर अवैध रूप से इसका शिकार किया गया और इसका सेवन भी किया गया। मांस और इसकी कैलीपी के लिये विदेशों में भी इसका अवैध रूप से कारोबार किया गया है।
- संरक्षण स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) रेड लिस्ट: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act- WPA): अनुसूची IV
- CITES: परिशिष्ट I