हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये लेज़र कार्बन | 05 Apr 2023
जल इलेक्ट्रोलिसिस की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये शोधकर्त्ताओं ने हाल ही में एक नए कार्बन-आधारित उत्प्रेरक का निर्माण किया है जिसे लेज़र कार्बन के रूप में जाना जाता है।
लेज़र कार्बन और इसका महत्त्व:
- हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिये जल के इलेक्ट्रोलिसिस में उपयोग में लाए जाने वाले महँगे धातु-आधारित उत्प्रेरकों के स्थान पर लेज़र कार्बन का उपयोग किया सकता है।
- जल के इलेक्ट्रोलिसिस में बहुत अधिक ऊर्जा की खपत होती है। पारंपरिक समाधान के अनुसार जल के अणुओं को कम ऊर्जा पर विभाजित करने के लिये प्रेरित करने हेतु उत्प्रेरक का उपयोग किया जाता है।
- लेज़र कार्बन एक नाइट्रोजन युक्त पोरस कार्बन (Porous Carbon) पदार्थ है जो इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया में उत्प्रेरक और एनोड दोनों के रूप में कार्य करता है।
- ऑक्सीजन इवोल्यूशन रिएक्शन (OER) की अत्यधिक क्षमता को कम करके यह जल के अणुओं को विभाजित करने के लिये आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को कम करता है।
- अन्य कार्बन-आधारित उत्प्रेरकों के विपरीत लेज़र कार्बन का उत्पादन करना आसान होता है और इसे पारिस्थितिक रूप से अनुकूल तरीके से उत्पादित किया जा सकता है।
- सामान्य उत्प्रेरक इरिडियम एवं रूथेनियम पर आधारित होते हैं, जो काफी महँगे होते हैं और अन्य क्षेत्रों में इनकी अत्यधिक मांग है।
- यद्यपि इसकी उत्प्रेरक गतिविधि धातु-आधारित उत्प्रेरक के रूप में अच्छी नहीं है, लेकिन निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न पॉलिमर का उपयोग करके इसे बेहतर बनाया जा सकता है।
विद्युत-अपघटन (Electrolysis):
- विद्युत-अपघटन एक रासायनिक प्रतिक्रिया हेतु विद्युत प्रवाह का उपयोग करने की एक प्रक्रिया है।
- विद्युत-अपघटन में रासायनिक परिवर्तन करने के लिये एक विद्युत-अपघट्य (एक पदार्थ जो जल में घुलने या पिघलने पर विद्युत का संचालन करता है) के माध्यम से विद्युत प्रवाहित की जाती है।
- विद्युत प्रवाह विद्युत-अपघट्य में धनात्मक और ऋणात्मक आयनों को विपरीत इलेक्ट्रोड की ओर ले जाता है, जिससे विद्युत-अपघट्य अपने घटक तत्त्वों में अलग हो जाता है या एक नए यौगिक का निर्माण होता है।
- विद्युत-अपघटन का उपयोग विभिन्न प्रकार की औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जिसमें धातुओं का उत्पादन, धातु की सतहों की सफाई तथा जल से हाइड्रोजन गैस का उत्पादन शामिल है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. सूक्ष्मजैविक ईंधन कोशिकाएँ (माइक्रोबियल फ्यूल सैल) ऊर्जा का धारणीय स्रोत समझी जाती हैं। क्यों? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। |