किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान | 27 Apr 2022
भारत का कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय जनभागीदारी आंदोलन के रूप में ‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान’ के तहत 'फसल बीमा पाठशाला' का आयोजन करेगा।
किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान:
- परिचय:
- इस अभियान के तहत सभी बीमा कंपनियाँ कम-से-कम 100 किसानों की भागीदारी के साथ अभियान अवधि के सभी 7 दिनों तक ब्लॉक/ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(PMFBY)- ‘फसल बीमा पाठशाला’ का आयोजन करेंगी।
- इस अभियान में स्थानीय आपदाओं के दौरान फसल के नुकसान की सूचना और फसल के बाद के नुकसान एवं किसानों के आवेदन की निगरानी, जिनसे किसान शिकायत निवारण के लिये संपर्क कर सकते हैं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी तथा योजना का अधिकतम लाभ पाने हेतु किसानों को विस्तार से समझाया जाएगा।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य किसानों को PMFBY योजना के प्रमुख पहलुओं जैसे- योजना के प्रावधान, फसलों का निर्धारण और योजना का लाभ कैसे प्राप्त करना है आदि से अवगत कराना है। इसमें किसानों को चल रहे खरीफ सीज़न 2022 के लिये PMFBY योजना का लाभ प्रदान करना भी शामिल है।
- PMFBY/पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना ( RWBCIS) के महत्व और किसान इस योजना के तहत कैसे नामांकन करके योजना का लाभ उठा सकते हैं, पर विशेषरूप से ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:
- शुभारंभ:
- इसका शुभारंभ वर्ष 2016 में किया गया जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचलित किया जा रहा है।
- इसने राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) को प्रतिस्थापित किया है।
- इसका शुभारंभ वर्ष 2016 में किया गया जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचलित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- फसल के खराब होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करना ताकि किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिल सके।
- क्षेत्र/दायरा:
- वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें, जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।
- बीमा किस्त::
- इस योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/प्रीमियम- खरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1.5% है। वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है।
- किसानों के हिस्से की प्रीमियम लागत का वहन राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में बराबर साझा किया जाता है।
- हालाँकि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत बीमा किस्त सब्सिडी का 90% हिस्सा वहन किया जाता है।
- कार्यान्वयन:
- इसका कार्यान्वयन पैनल में शामिल सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा किया जाता है। कार्यान्वयन एजेंसी (IA) का चयन संबंधित राज्य सरकार बोली के माध्यम से करती है।.
- संशोधित PMFBY:
- संशोधित PMFBY को अक्सर PMFBY 2.0 कहा जाता है, इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
- पूर्ण रूप से स्वैच्छिक: वर्ष 2020 के खरीफ सीज़न से यह सभी किसानों हेतु वैकल्पिक है।
- इससे पहले अधिसूचित फसलों के लिये फसल ऋण/किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खाते का लाभ उठाने वाले ऋणी किसानों के लिये यह योजना अनिवार्य थी।
- केंद्रीय सब्सिडी की सीमा: कैबिनेट ने इस योजना के तहत प्रीमियम दरों को असिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिये 30% और सिंचित क्षेत्रों/फसलों हेतु 25% तक सीमित करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि इन प्रीमियम दरों के आधार पर ही केंद्र सरकार द्वारा 50% सब्सिडी का वहन किया जाता है।
- राज्यों को अधिक नम्यता: सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को PMFBY को लागू करने की छूट दी है और उन्हें किसी भी संख्या में अतिरिक्त जोखिम कवर/सुविधाओं का चयन करने का विकल्प दिया है।
- सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों में निवेश: बीमा कंपनियों को अब सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों पर एकत्रित कुल प्रीमियम का 0.5% खर्च करना होगा।
विगत वर्षों के प्रश्न:'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |