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अवैध कोयला खनन रोकने हेतु खनन प्रहरी एप

  • 28 Aug 2023
  • 7 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

कोयला मंत्रालय ने अवैध कोयला खनन गतिविधियों के विरुद्ध संघर्ष हेतु क्रांतिकारी कदम उठाते हुए खनन प्रहरी मोबाइल एप लॉन्च किया है।

खनन प्रहरी:

  • परिचय:
    • यह प्रगतिशील एप नागरिकों को जियो-टैग की गई तस्वीरों और पाठ्य सूचना प्रस्तुत कर अवैध कोयला खनन की घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्रिय भूमिका निभाने की अनुमति देता है।
      • कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (CMSMS) नामक संबंधित वेब पोर्टल को भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स, गांधीनगर एवं सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI), रांची के सहयोग से विकसित किया गया है।
    • यह व्यापक दृष्टिकोण न केवल अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है बल्कि इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे के समाधान में सार्वजनिक भागीदारी पर भी ज़ोर देता है।
      • खनन प्रहरी मोबाइल एप के माध्यम से कुल 483 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जो जनता की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। 
  • विशेषताएँ:
    • घटनाओं की रिपोर्टिंग: उपयोगकर्ता तस्वीरें लेकर और घटना पर टिप्पणियाँ प्रदान करके आसानी से अवैध खनन की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।
    • गोपनीयता: गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उपयोगकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
    • शिकायत ट्रैकिंग: शिकायतकर्ताओं को एक शिकायत संख्या प्राप्त होती है, जिसका उपयोग वे अपनी रिपोर्ट की गई शिकायतों की स्थिति को आसानी से ट्रैक करने के लिये कर सकते हैं।

भारत में कोयला खनन की स्थिति:

  • कोयले के बारे में:
    • भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक, साथ ही कोयला भंडार के मामले में 5वाँ सबसे बड़ा देश है।
      • कोयला एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है जो तलछटी चट्टानों के रूप में पाया जाता है और इसे अमूमन 'काला सोना' के नाम से जाना जाता है।
    • हालाँकि इसकी कोयले की आवश्यकता का कुछ हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है क्योंकि भारत स्वयं प्रमुख उपभोक्ताओं में से एक है। वर्ष 2022-23 में भारत का कोयला आयात 30% बढ़ गया।
  • प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य:
    • झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और तेलंगाना प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों में से हैं।
  • भारत में कोयला खनन से संबंधित समय-सीमा:
    • भारत में कोयला खनन का लगभग 220 वर्षों का एक समृद्ध इतिहास है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1774 में रानीगंज कोयला क्षेत्र में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हुई थी।
      • शुरुआत में विकास धीमा था लेकिन वर्ष 1853 में भाप इंजनों ने उत्पादन को बढ़ावा दिया।
    • स्वतंत्रता के पश्चात् कोयला उद्योग के व्यवस्थित विकास के लिये वर्ष 1956 में राष्ट्रीय कोयला विकास निगम (NCDC) की स्थापना की गई थी।
      • कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण दो चरणों में हुआ जिसकी शुरुआत वर्ष 1971-72 में कोकिंग कोयला खदानों, साथ ही वर्ष 1973 में गैर-कोकिंग खदानों से हुई।
      • इस कदम का उद्देश्य अवैज्ञानिक खनन प्रथाओं और दीन श्रम स्थितियों के मुद्दों का समाधान करना था। राष्ट्रीयकरण कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 तक जारी रहा।
    • राष्ट्रीयकरण के बाद भारत को वर्ष 1991 तक न्यूनतम मांग-आपूर्ति अंतराल का सामना करना पड़ा। वर्ष 1993 में उदारीकरण सुधारों ने कैप्टिव खपत के लिये कोयला खदान आवंटन की अनुमति दी।
      • कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 द्वारा नीलामी के माध्यम से कोयला खदान आवंटन कार्य संभव हो पाया। वर्ष 2018 में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक कोयला खनन की अनुमति दी गई थी।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. भारत सरकार द्वारा कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी के कार्यकाल में किया गया था।
  2. वर्तमान में कोयला खंडों का आवंटन लॉटरी के आधार पर किया जाता है।
  3. भारत हाल के समय तक घरेलू आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिये कोयले का आयात करता था, किंतु अब भारत कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय कोयले का/के अभिलक्षण है/हैं? (2013)

  1. उच्च भस्म अंश
  2. निम्न सल्फर अंश
  3. निम्न भस्म संगलन तापमान

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद में बहुत कम प्रतिशत योगदान देते हैं। विवेचना कीजिये। (2021)

प्रश्न. "प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव के बावजूद कोयला खनन विकास के लिये अभी भी अपरिहार्य है"। विवेचना कीजिये। (2017)

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