कश्मीरी पश्मीना शाॅल | 28 Jan 2023
कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल, जो सदियों से अपने जटिल बूटा या पैस्ले पैटर्न के लिये जानी जाती है, को फ्रेंच टच मिला है।
- ऐसा परिवर्तन, जहाँ कश्मीरी शॉल को जटिल कढ़ाई के बजाय अमूर्त चित्रों से सजाया गया, ने नए युग के सौंदर्यशास्त्र के साथ कपड़े को फिर से पेश किया है।
पश्मीना
- परिचय:
- पश्मीना एक भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाणित ऊन है जिसकी उत्पत्ति भारत के कश्मीर क्षेत्र से हुई है।
- मूल रूप से कश्मीरी लोग सर्दियों के मौसम के दौरान खुद को गर्म रखने के लिये पश्मीना शॉल का इस्तेमाल करते थे।
- 'पश्मीना' शब्द एक फारसी शब्द "पश्म" से लिया गया है जिसका अर्थ है बुनाई योग्य फाइबर जो मुख्य रूप से ऊन है।
- पश्मीना शॉल ऊन की अच्छी गुणवत्ता और शॉल बनाने में लगने वाली कड़ी मेहनत के कारण बहुत महँगी होती हैं।
- पश्मीना शॉल बुनने में काफी समय लगता है और यह काम के प्रकार पर निर्भर करता है। एक शॉल को पूरा करने में आमतौर पर लगभग 72 घंटे या उससे अधिक समय लगता है।
- पश्मीना एक भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाणित ऊन है जिसकी उत्पत्ति भारत के कश्मीर क्षेत्र से हुई है।
- स्रोत:
- पश्मीना शॉल की बुनाई में उपयोग किया जाने वाला ऊन लद्दाख में पाए जाने वाले पालतू चांगथांगी बकरियों (Capra hircus) से प्राप्त किया जाता है।
- चांगपा अर्द्ध-खानाबदोश समुदाय से हैं जो चांगथांग ( लद्दाख और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में फैले हुए हैं) या लद्दाख के अन्य क्षेत्रों में निवास करते हैं।
- भारत सरकार के आरक्षण कार्यक्रम के तहत चांगपा समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
- पश्मीना शॉल की बुनाई में उपयोग किया जाने वाला ऊन लद्दाख में पाए जाने वाले पालतू चांगथांगी बकरियों (Capra hircus) से प्राप्त किया जाता है।
- महत्त्व:
- पश्मीना शॉल दुनिया में बेहतरीन और उच्चतम गुणवत्ता वाले ऊन से बने होती हैं।
- पश्मीना शॉल ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया और यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले शॉल में से एक बन गई है।
- इसकी उच्च मांग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नQ. भारत के 'चांगपा' समुदाय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |