कन्याकुमारी की विवेकानंद रॉक | 04 Jun 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव अभियान के समापन के अवसर पर तमिलनाडु के कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर जाकर ध्यान करने की अपनी योजना की घोषणा की।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • स्वामी विवेकानंद का आध्यात्मिक अनुभव:
    • ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 1892 में स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी के तट पर ध्यान हेतु इस रॉक पर तैरकर पहुँचने का फैसला किया। उन्होंने वहाँ तीन दिन और तीन रातें बिताईं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई।
    • स्वामी विवेकानंद द्वारा वर्ष 1894 में स्वामी रामकृष्णानंद को लिखे पत्र से पता चलता है कि उनका मूल दर्शन इस रॉक पर स्थित ध्यान मंडपम (Dhyan Mandapam) में ध्यान करने के बाद ही विकसित हुआ था।
  • स्थान:
    • यह स्मारक तमिलनाडु के वावथुराई की मुख्य भूमि से लगभग 500 मीटर दूर स्थित दो चट्टानों में से एक पर स्थित है।
    • विवेकानंद रॉक एक छोटा चट्टानी टापू है, जो लक्षद्वीप सागर से घिरा हुआ है, जहाँ बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर का संगम होता है, जो एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
    • स्मारक में दो मुख्य संरचनाएँ हैं, विवेकानंद मंडपम और श्रीपाद मंडपम।
  • स्मारक के रूप में महत्त्व:
    • इस मेमोरियल का निर्माण प्रमुख भारतीय आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद के सम्मान में किया गया था।
    • इसका औपचारिक उद्घाटन वर्ष 1970 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि द्वारा किया गया था।

Kanyakumari’s_Vivekananda_Rock

स्वामी विवेकानंद के बारे में प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • जन्म और प्रारंभिक जीवन:
    • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ तथा उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था और  वे कलकत्ता के एक पारंपरिक बंगाली परिवार से थे।
    • ज्ञान के प्रति उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें दर्शन, साहित्य, भारतीय धर्मग्रंथों के साथ-साथ पश्चिमी दर्शन सहित विभिन्न विषयों का अध्ययन करने के लिये प्रेरित किया।
  • अध्यात्मवाद की ओर:
    • वर्ष 1881 में वह 19वीं सदी के रहस्यवादी रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य बन गए।
    • प्रारंभ में रामकृष्ण की शिक्षाओं पर संदेह करने वाले विवेकानंद ने अंततः अपने गुरु के दर्शन को अपना लिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने मठवासी जीवन की दीक्षा ली।
    • वर्ष 1893 में खेतड़ी स्टेट के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर उन्होंने अपना नाम ‘विवेकानंद’ रख लिया।
  • संबद्ध संगठन:
    • रामकृष्ण आंदोलन (विवेकानंद द्वारा शुरू किया गया) के दो लक्ष्य थे:
      • वेदांत की शिक्षाओं के प्रसार के लिये त्याग और व्यावहारिक आध्यात्मिकता के जीवन हेतु समर्पित भिक्षुओं को प्रशिक्षित करना और
      • धर्मोपदेश, परोपकारी और धर्मार्थ कार्यों को जारी रखने के लिये शिष्यों का मार्गदर्शन करना।
    • उन्होंने रामकृष्ण आंदोलन के दूसरे उद्देश्य को पूरा करने के लिये वर्ष 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जबकि परमहंस ने स्वयं रामकृष्ण मठ के माध्यम से पहला उद्देश्य पूरा किया।
  • योगदान: 
    • उन्होंने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित कराया।
      • उन्होंने ‘नव-वेदांत’ का प्रचार किया, जो हिंदू धर्म की पश्चिमी दृष्टिकोण से व्याख्या थी, तथा वे आध्यात्मिकता को भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने में विश्वास करते थे।
    • वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में उनके प्रभावशाली भाषण ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और हिंदू धर्म को वैश्विक मंच पर स्थापित कर दिया।
    • उनकी शिक्षाओं ने आध्यात्मिक मुक्ति (मोक्ष) के विभिन्न मार्ग भी प्रस्तुत किये तथा चार योगों की रूपरेखा प्रस्तुत की: राज-योग (मन का योग), कर्म-योग (क्रिया का योग), ज्ञान-योग (ज्ञान का योग) और भक्ति-योग (भक्ति का योग)।
    • उनका प्रसिद्ध कथन, "मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है" (Service of man is the service of God), आज भी प्रासंगिक है।
    • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विवेकानंद को “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा था।
    • हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स 

प्रश्न. एनी बेसेंट थीं : (2013)

  1. होम रूल आंदोलन प्रारंभ करने के लिये उत्तरदायी।
  2. थियोसॉफिकल सोसाइटी की संस्थापिका।
  3. इंडियन नेशनल  कॉन्ग्रेस की एक बार अध्यक्षा।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही कथन/कथनों को चुनिये।

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2011)

  1. शाह अब्दुल अजीज और सैयद अहमद खान ने भारत में वहाबी आंदोलन के विचारों को लोकप्रिय बनाया।
  2. वहाबी आंदोलन एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन था जिसने सभी गैर-इस्लामी प्रथाओं को समाप्त करके इस्लाम के शुद्धिकरण का प्रयास किया। 
  3. वहाबी आंदोलन ने वर्ष 1857 के विद्रोह में ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 2


मेन्स 

प्रश्न. अनेक विदेशियों ने भारत में बसकर, विभिन्न आंदोलनों में भाग लिया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम में उनकी भूमिका का विश्लेषण कीजिये। (2013)