कलेसर वन्यजीव अभयारण्य | 10 May 2024

स्रोत: लाइव लॉ

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा के यमुनानगर ज़िले में कलेसर वन्यजीव अभयारण्य के अंदर चार प्रस्तावित बांधों के निर्माण पर रोक लगा दी क्योंकि निर्माण न केवल वन्यजीवों और स्थानीय समुदाय पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुँचाएगा।

  • इसकी स्थापना 1988 में स्थानीय वन्य जीव और जैव विविधता की रक्षा के लिये की गई थी और 8 दिसंबर 2003 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
  • यह हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है और राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड) और सिम्बलबारा राष्ट्रीय उद्यान (हिमाचल प्रदेश) से सटा हुआ है।
  • यह 13,209 एकड़ में फैला हुआ है ,जैव विविधता से समृद्ध है, जिसमें घने साल एवं खैर के जंगल और घास के मैदान हैं जो विविध पौधों तथा जानवरों के जीवन का समर्थन करते हैं।
  • यह जानवरों की कई प्रजातियों का घर है, जिनमें तेंदुए, सांभर हिरण, भौंकने वाले हिरण, लकड़बग्घा, सियार, भारतीय साही, भारतीय पैंगोलिन और लंगूर तथा पक्षियों की कई प्रजातियाँ शामिल हैं, जैसे कि लाल जंगलमुर्गी, ग्रे पार्ट्रिज़, भारतीय मोर और व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर

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