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जल संचय जन भागीदारी पहल

  • 10 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में प्रधानमंत्री ने सूरत गुजरात से ‘जल संचय, जन भागीदारी’ पहल की शुरुआत की।

  • जल संरक्षण पर केंद्रित इस पहल का लक्ष्य गुजरात में लगभग 24,800 वर्षाजल संचयन संरचनाओं का निर्माण कराना है।
  • यह पहल “समग्र समाज और समग्र सरकार” दृष्टिकोण पर आधारित है, जो जल प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी एवं सरकारी समन्वय के महत्त्व पर प्रकाश डालती है।
  • भारत में जल संकट: विश्व की 18% जनसंख्या भारत में रहती है, लेकिन यहाँ जल संसाधन की उपलब्धता केवल 4% ही है।
    • 700 में से 256 ज़िलों में भूजल का स्तर ‘गंभीर’ या ‘अत्यधिक दोहन’ वाला बताया गया है।
    • ग्रामीण महिलाओं को प्रायः जल स्रोत तक पहुँचने के लिये 2.5 किलोमीटर से भी अधिक पैदल चलना पड़ता है।
    • 163 मिलियन भारतीयों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है। 21% संक्रामक रोग असुरक्षित जल से ही संबद्ध होते हैं।
  • अन्य जल संरक्षण पहल:
    • जल जीवन मिशन (JJM): JJM के तहत पाइप जल कनेक्शन को 3 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ से अधिक घरों तक पहुँचाया गया, जिससे देश की 75% से अधिक ग्रामीण जनसंख्या को लाभ मिला।
    • अमृत ​​सरोवर निर्माण: 60,000 से अधिक अमृत सरोवरों (जल निकायों) का निर्माण किया गया है, जिससे जल भंडारण और प्रबंधन में वृद्धि हुई है।
    • कैच द रेन अभियान: यह राज्यों और अन्य हितधारकों को वर्षा जल संचयन संरचनाएँ (RWHS) बनाने के लिये प्रोत्साहित करता है।

और पढ़ें: जल प्रबंधन: अभाव से स्थायित्व तक

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