रैपिड फायर
जल जीवन मिशन का अपर्याप्त वित्तपोषण
- 22 Apr 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन (JJM) को पूरा करने के लिये अतिरिक्त 2.79 लाख करोड़ रुपए की मांग की।
- हालाँकि, वित्त मंत्रालय के अधीन व्यय वित्त समिति (EFC) ने केवल 1.51 लाख करोड़ रुपए की स्वीकृति दी, जिससे संभावित रूप से राज्यों को 1.25 लाख करोड़ रुपए का वहन करना पड़ सकता है।
- जल जीवन मिशन: वर्ष 2019 में लॉन्च किये गए इस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक सभी 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल का जल उपलब्ध कराना है। वर्तमान में, 75% का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है तथा लगभग 4 करोड़ घर अभी भी शेष हैं।
- पूर्ण कवरेज प्राप्त करने के लिये वर्तमान में इस मिशन को दिसंबर 2028 तक विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- केंद्र और राज्य के बीच निधि बँटवारे का अनुपात हिमालयी (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वोत्तर राज्यों के लिये 90:10, संघ शासित प्रदेशों के लिये 100:0 तथा शेष राज्यों के लिये 50:50 है।
- वित्तपोषण संबंधी मुद्दे: जल शक्ति मंत्रालय ने बढ़ती इनपुट कीमतों के कारण बढ़ी हुई लागत का विवरण देते हुए शेष नल जल संस्थापनाओं को पूरा करने के लिये वर्ष 2024-2028 के लिये केंद्रीय हिस्से के रूप में 2.79 लाख करोड़ रुपए की मांग की।
- हालाँकि, EFC ने लागत में वृद्धि, राज्यों द्वारा संभावित अति-आकलन, तथा राजकोषीय विवेकशीलता पर चिंता का उद्धरण देते हुए केवल 1.51 लाख करोड़ रुपए का सुझाव दिया।
- परिणामस्वरूप, मिशन के लिये संशोधित कुल परिव्यय 9.10 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 8.68 लाख करोड़ रुपए (2019-2028) कर दिया गया।
- निहितार्थ: राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश, को वित्त पोषण की कमी की स्वयं से पूर्ती करनी पड़ सकती है।
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