लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

जैन समुदाय द्वारा विरोध

  • 05 Jan 2023
  • 7 min read

जैन समुदाय दो पवित्र स्थलों- झारखंड में पारसनाथ पहाड़ी पर सम्मेद शिखर और गुजरात के पलिताना में शत्रुंजय पहाड़ी से संबंधित मांगों को लेकर विरोध कर रहा है।

  • झारखंड में जैन समुदाय के लोगों से परामर्श किये बिना पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल और पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा है, जबकि गुजरात में शत्रुंजय पहाड़ी में मंदिर एवं संबंधित सुरक्षा चिंताओं को लेकर विवाद है।

पारसनाथ पहाड़ी और शत्रुंजय पहाड़ी: 

  • पारसनाथ पहाड़ी: 
    • पारसनाथ पहाड़ियाँ झारखंड के गिरिडीह ज़िले में स्थित पहाड़ियों की एक शृंखला है।
    • इस पहाड़ी की सबसे ऊँची चोटी 1350 मीटर है। यह जैनियों के सबसे महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। वे इसे सम्मेद शिखर कहते हैं।
    • पहाड़ी का नाम 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ (Parshvanatha) के नाम पर रखा गया है।
    • बीस जैन तीर्थंकरों ने इस पहाड़ी पर मोक्ष प्राप्त किया। उनमें से प्रत्येक के लिये पहाड़ी पर एक तीर्थ (गुमती या तुक) है।
    • माना जाता है कि पहाड़ी पर स्थित कुछ मंदिर 2,000 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
    • संथाल समुदाय इसे देवता की पहाड़ी मारंग बुरु कहते हैं। वे बैसाख (मध्य अप्रैल) में पूर्णिमा के दिन शिकार उत्सव मनाते हैं। 
  • पालीताना और शत्रुंजय पहाड़ी: 
    • शत्रुंजय पहाड़ी पालीताना नगर, ज़िला भावनगर,  गुजरात में एक पवित्र स्थल है, यहाँ  सैकड़ों मंदिर हैं।
    • जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभ द्वारा पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर में पहला उपदेश दिये जाने के बाद ऐसा माना जाता है कि यहाँ के मंदिर पवित्र हो गए।
    •  शत्रुंजय पहाड़ी जैन धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिरों से युक्त एक अविश्वसनीय पहाड़ी (जिसका निर्माण 900 वर्षो पूर्व हुआ) है।
    • ऐसा कहा जाता है कि जैन धर्म के संस्थापक आदिनाथ (जिन्हें ऋषभ के नाम से भी जाना जाता है) ने यहीं पर रेयान वृक्ष के नीचे ध्यान साधना की थी।

जैन धर्म:

  • जैन धर्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में तब प्रमुखता से उभरा, जब भगवान महावीर ने धर्म का प्रचार किया।
  • जैन धर्म ने प्रमुख रूप से भगवान महावीर के धर्म प्रचार के फलस्वरूप 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व प्रसिद्धि प्राप्त की। 
  • जैन धर्म में 24 महान शिक्षक हुए, जिनमें से अंतिम भगवान महावीर थे।
  • वे लोग जिन्होंने जीवित रहते हुए सभी ज्ञान (मोक्ष) प्राप्त कर लिया और लोगों को इसका उपदेश दिया करते थे- ऐसे सभी 24 शिक्षकों को तीर्थंकर कहा जाता था।
  • प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे।
  • जैन शब्द की उत्पत्ति जिन शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है विजेता।
  • तीर्थंकर एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है 'नदी निर्माता', अर्थात् जो नदी को पार कराने में सक्षम हो, वही सांसारिक जीवन के सतत् प्रवाह से पार कराएगा।
  • जैन धर्म अहिंसा को अत्यधिक महत्त्व देता है।
  • यह 5 महाव्रतों का उपदेश देता है:
    • अहिंसा 
    • सत्य
    • अस्तेय या आचार्य (चोरी न करना)
    • अपरिग्रह (गैर-आसक्ति/गैर-आधिपत्य)
    • ब्रह्मचर्य (शुद्धता)
  • इन 5 शिक्षाओं में ब्रह्मचर्य (शुद्धता) को महावीर द्वारा जोड़ा गया था।
  • जैन धर्म में तीन रत्नों या त्रिरत्न शामिल हैं:
    • सम्यक दर्शन (सही विश्वास)।
    • सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान)।
    • सम्यक चरित्र (सही आचरण)।
  • जैन धर्म स्वयं सहायता या आत्मनिर्भरता को स्वीकार करता है।
    • कोई देवता या आध्यात्मिक प्राणी नहीं है जो मनुष्य की मदद करेगा।
    • यह वर्ण व्यवस्था की निंदा नहीं करता है।
  • आगे चलकर यह दो संप्रदायों में विभाजित हो गया:
    • स्थलबाहु के नेतृत्व में श्वेताम्बर (श्वेत वस्त्र धारण करने वाले)।
    • भद्रबाहु के नेतृत्व में दिगंबर (नग्न रहने वाले)।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. भारत की धार्मिक प्रथाओं के संदर्भ में “स्थानकवासी” संप्रदाय किससे संबंधित है? (2018)

(a) बौद्ध मत
(b) जैन मत
(c) वैष्णव मत
(d) शैव मत

उत्तर: (b) 


प्रश्न. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. सौत्रांतिक और सम्मितीया जैन धर्म के संप्रदाय थे।
  2. सर्वास्तिवादिन का मानना था कि परिघटना के घटक पूर्ण रूप से क्षणिक नहीं थे, बल्कि एक अव्यक्त रूप में हमेशा के लिये मौजूद थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


प्रश्न. प्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में समान था/थे? (2012) 

  1. तप और भोग की पराकाष्ठा से बचना
  2. वेदों के अधिकार के प्रति उदासीनता 
  3. अनुष्ठानों की प्रभावकारिता का खंडन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3  
(c) केवल 1 और 3  
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 


प्रश्न. अनेकांतवाद निम्नलिखित में से किसका प्रमुख सिद्धांत और दर्शन है? (2009)

(a) बौद्ध धर्म 
(b) जैन धर्म 
(c) सिखवाद 
(d) वैष्णववाद

उत्तर: (b) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2