जागृति शुभंकर | 19 Jul 2022

हाल ही में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर सशक्त बनाने हेतु उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) द्वारा जागृति नाम का शुभंकर लॉन्च किया गया है।

Jagriti-Mascot

जागृति:

  • इसे उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिये उपयोग किया जाएगा जो उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता का प्रसार और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।
  • यह विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा जैसे:
    • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधान
    • हॉलमार्किंग
    • राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1915
    • वज़न और माप अधिनियम के प्रावधान
    • केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के निर्णय
    • शिकायत निवारण पर उपभोक्ताओं द्वारा प्रशंसापत्र

जागृति शुभंकर का महत्त्व:

  • अभियान में डिजिटल और मल्टीमीडिया चैनलों की उपस्थिति बढ़ाने के अलावा यह उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगा।
  • इसे विभिन्न मीडिया अभियानों में टैगलाइन "जागो ग्राहक जागो" के साथ दिखाया जाएगा।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: भारत में कानून के प्रावधानों के तहत 'उपभोक्ताओं' के अधिकारों/विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)

  1. उपभोक्ताओं को खाद्य परीक्षण के लिये नमूने लेने का अधिकार है।
  2. जब कोई उपभोक्ता किसी उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराता है तो कोई शुल्क नहीं देना होता है।
  3. उपभोक्ता की मृत्यु के मामले में उसका कानूनी उत्तराधिकारी उसकी ओर से उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: c

व्याख्या

  • संसद द्वारा पारित खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को खाद्य नमूने लेने, उनका परीक्षण करने और अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये शिकायत दर्ज करने का अधिकार दिया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने या उपभोक्ता फोरम में अपना मामला लड़ने के लिये वकील की आवश्यकता नहीं होती है। वह खुद शिकायत दर्ज करा सकता है। उपभोक्ता को कोई अदालती शुल्क देने की भी आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह अदालत के प्रकार तथा दावा राशि के आधार पर केवल एक मामूली शुल्क है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह प्रावधान किया गया है कि उपभोक्ता की मृत्यु के मामले में उसका कानूनी उत्तराधिकारी या प्रतिनिधि उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकता है। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (c) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.