प्रारंभिक परीक्षा
iVOFm तकनीक
- 09 Jan 2023
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जल संदूषण की समस्या से निपटने तथा स्वच्छ एवं पीने योग्य जल तक पहुँच बढ़ाने हेतु भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Science Education and Research- IISER), पुणे ने प्रदूषित जल को साफ करने के लिये मैक्रो/सूक्ष्म छिद्रपूर्ण आयनिक जैविक ढाँचा- iVOFm प्रस्तुत किया है।
वायोलोजेन-यूनिट ग्राफ्टेड ऑर्गेनिक-फ्रेमवर्क (iVOFm):
- वायोलोजेन-यूनिट ग्राफ्टेड ऑर्गेनिक-फ्रेमवर्क (iVOFm) अद्वितीय आणविक स्पंज जैसी सामग्री है जो प्रदूषित जल में मौजूद दूषित पदार्थों को सोख कर उसे साफ करती है।
- मीठे जल के स्रोतों में कार्सिनोजेनिक संदूषक शामिल होते हैं जिन्हें सॉर्बेंट सामग्री और आयन-विनिमय प्रक्रियाओं (ion-exchange techniques) का उपयोग करके समाप्त किया जा सकता है, हालाँकि ये प्रक्रियाएँ उतनी सक्षम नहीं हैं। iVOFm की मदद से इसमे सुधार होने की संभावना है।
- लक्षित प्रदूषक को हटाने के लिये aFm इलेक्ट्रोस्टैटिक रूप से संचालित आयन-एक्सचेंज, नैनोमीटर-आकार के मैक्रोप्रोर्स और विशेष बाइंडिंग साइट्स के संयोजन का उपयोग करता है।
- iVOFm और मैक्रोपोरोसिटी (कैविटी> 75 मीटर) की अंतर्निहित cationic प्रकृति द्वारा दूषित पदार्थों (कार्बनिक + अकार्बनिक,> 30 सेकंड में 93% कमी) का तेजी से प्रसार संभव है।
- सामान्य सॉर्बेंट सामग्री के विपरीत यह सामग्री विषाक्त प्रदूषकों के प्रति बहुत ही चयनात्मक पाई जाती है। इसे बाथिंग स्पंज की तरह कई बार उपयोग किया जा सकता है।
आयन-एक्सचेंज तकनीक:
- आयन एक्सचेंज (IX) विआयनीकरण की एक प्रक्रिया है जिसमें जल में घुलित अशुद्ध आयनों को हाइड्रोजन और हाइड्रॉक्सिल आयनों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है जिससे जल शुद्ध होता है।
- वाटर सॉफ्टनर IX तकनीक के समान हैं क्योंकि दोनों जल से मैग्नीशियम और कैल्शियम आयनों को हटा सकते हैं।