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IPEF ने भारत को आपूर्ति शृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना

  • 01 Aug 2024
  • 8 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में भारत को आपूर्ति शृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है, जो 14 सदस्यीय इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) ब्लॉक द्वारा स्थापित तीन निकायों में से एक है।

आपूर्ति शृंखला परिषद क्या है?

  • परिचय:
    • भारत और 13 अन्य इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) भागीदारों ने एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, आपूर्ति शृंखला लचीलेपन से संबंधित महत्त्वपूर्ण इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) समझौते के तहत तीन आपूर्ति शृंखला निकायों की स्थापना की है।
      • आपूर्ति शृंखला परिषद: राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण के लिये सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों तथा वस्तुओं के लिये आपूर्ति शृंखलाओं को मज़बूत करने हेतु लक्षित कार्रवाई-उन्मुख कार्य करना। 
      • संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क: आपातकालीन या आसन्न व्यवधानों के लिये सामूहिक आपातकालीन प्रतिक्रिया हेतु एक मंच प्रदान करना।
      • श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड: क्षेत्रीय आपूर्ति शृंखलाओं में श्रम अधिकारों और कार्यबल विकास को मज़बूत करने के लिये श्रमिकों, नियोक्ताओं एवं सरकारों को एक साथ लाता है।
  • हाल की नियुक्तियाँ:
    • बैठकों के दौरान, तीनों आपूर्ति शृंखला निकायों में से प्रत्येक ने एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया, जो दो वर्ष की अवधि के लिये कार्य करेंगे। निर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं:
      • आपूर्ति शृंखला परिषद: अमेरिका (अध्यक्ष) और भारत (उपाध्यक्ष)
      • संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क: कोरिया गणराज्य (अध्यक्ष) और जापान (उपाध्यक्ष)
      • श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड: संयुक्त राज्य अमेरिका (अध्यक्ष) और फिजी (उपाध्यक्ष)
  • महत्त्व:
    • आपूर्ति शृंखला परिषद (SCC), संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क (CRN) और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (LRAB) की उद्घाटन वर्चुअल बैठकों के आयोजन से आपूर्ति शृंखला में लचीलेपन को सुदृढ़ करने के लिये भागीदार देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण कदम के साथ आगे बढ़े हैं।
    • आपूर्ति शृंखला परिषद ने संदर्भ की शर्तें अपनाईं और आरंभिक कार्य प्राथमिकताओं पर चर्चा की, जिन पर आपूर्ति शृंखला शिखर सम्मेलन के दौरान सितंबर 2024 में वाशिंगटन, डीसी में होने वाली अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक में आगे चर्चा की जाएगी।
    • संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क ने निकट और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं पर चर्चा की, जिसमें टेबल टॉप अभ्यास आयोजित करना शामिल है तथा आपूर्ति शृंखला शिखर सम्मेलन के साथ-साथ अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक की योजना बनाई। 
    • श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड ने IPEF आपूर्ति शृंखलाओं में श्रम अधिकारों को मज़बूत करने की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। यह आयोजन न केवल श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड के कार्य को आगे बढ़ाएगा, बल्कि IPEF स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते में श्रम प्रावधानों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।

IPEF क्या है?

  • परिचय:
    • IPEF की शुरुआत मई 2022 में टोक्यो जापान में की गई थी, जिसमें 14 देश शामिल हैं। IPEF का उद्देश्य क्षेत्र में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ भागीदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव व सहयोग को मज़बूत करना है। 
    • IPEF 4 मुख्य स्तंभों पर आधारित है:
      • ढाँचा व्यापार: इसका उद्देश्य क्षेत्र में आर्थिक विकास, शांति और समृद्धि को बढ़ावा देना है।
      • आपूर्ति शृंखला लचीलापन: आपूर्ति शृंखलाओं को अधिक लचीला, मज़बूत और अच्छी तरह से एकीकृत बनाने का प्रयास करता है।
      • स्वच्छ अर्थव्यवस्था (नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन में कमी): इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों पर सहयोग को आगे बढ़ाना है।
      • निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियाँ): प्रभावी भ्रष्टाचार विरोधी और कर उपायों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • भारत IPEF के स्तंभ-II से IV में शामिल हो गया है, जबकि इसने स्तंभ-I में पर्यवेक्षक की भूमिका का निर्वाहन किया है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. हाल के वर्षों में वियतनाम विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है।
  2. वियतनाम का नेतृत्व बहु-दलीय राजनीतिक प्रणाली के द्वारा होता है।
  3. वियतनाम का आर्थिक विकास विश्वव्यापी पूर्ति शृंखलाओं के साथ इसके एकीकरण और निर्यात पर मुख्य ध्यान होने से जुड़ा है।
  4. लंबे समय से वियतनाम की निम्न श्रम लागतों और स्थिर विनिमय दरों ने वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित किया है।
  5. हिंद-प्रशांत क्षेत्र का सर्वाधिक उत्पादक e-सेवा सेक्टर वियतनाम में है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं ?

(a) 2 और 4
(b) 3 और 5
(c) 1, 3 और 4
(d) 1 और 2

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत सरकार मेगा फूड पार्क की अवधारणा को किस/किन उद्देश्य/उद्देश्यों से प्रोत्साहित कर रही है? (2011)

  1. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिये उत्तम अवसंरचना सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु। 
  2. खराब होने वाले पदार्थों का अधिक मात्रा में प्रसंस्करण करने और अपव्यय घटाने हेतु। 
  3. उद्यमियों के लिये उद्यमी और पारिस्थितिकी के अनुकूल आहार प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध कराने हेतु।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या: 

  • इसका उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ता और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाज़ार से जोड़ने के लिये एक तंत्र प्रदान करना है ताकि मूल्यवर्द्धन, कम अपव्यय के साथ किसानों की आय को बढ़ाकर रोज़गार के नए अवसर (विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में) सुनिश्चित किये जा सकें।  

अत: विकल्प B सही है।


मेन्स: 

प्रश्न. लागत प्रभावी छोटी प्रक्रमण इकाई की अल्प स्वीकार्यता के क्या कारण हैं? खाद्य प्रक्रमण इकाई गरीब किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में किस प्रकार सहायक होगी? (2017)

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