प्रारंभिक परीक्षा
भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों के लिये निवेश मंच
- 29 Jan 2024
- 7 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI आयोग), भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) तथा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने संयुक्त रूप से नई दिल्ली में 'भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने के लिये निवेश फोरम' की शुरुआत की।
भारत में जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने के लिये निवेश फोरम क्या है?
- परिचय:
- इस पहल का उद्देश्य भारत में विभिन्न हितधारकों के बीच जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिये एक निवेश और साझेदारी रणनीति बनाना है।
- फोरम/मंच ने छह प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा और विचार-विमर्श की सुविधा प्रदान की, जिनमें शामिल थे:
- जलवायु अनुकूल कृषि (अनुभव और उपाय)।
- डिजिटल बुनियादी ढाँचे और समाधान।
- जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों (घरेलू और वैश्विक) का वित्तपोषण।
- जलवायु अनुकूल मूल्य शृंखलाएँ।
- जलवायु अनुकूलन के लिये उत्पादन प्रथाएँ और इनपुट।
- जलवायु अनुकूलन के लिये लैंगिक मुख्यधारा और सामाजिक समावेशन।
- जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों में निवेश का महत्त्व:
- जलवायु परिवर्तन का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से इसकी आर्थिक रूप से कमज़ोर ग्रामीण आबादी प्रभावित होती है, जो काफी हद तक जलवायु आधारित कृषि आजीविका पर निर्भर है।
- भारत में कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कृषि का योगदान लगभग 13% है और यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति संवेदनशील है।
- भारतीय कृषि अत्यधिक तापमान, सूखा, बाढ़, चक्रवात और मृदा की लवणता से प्रभावित होती है।
- जलवायु परिवर्तन फसल की उपज, जल की उपलब्धता, मृदा-स्वास्थ्य, कीट एवं बीमारी के प्रकोप और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
- जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियाँ जलवायु परिवर्तन को कम करने और अनुकूलन करने, खाद्य उत्पादन बढ़ाने, गरीबी कम करने तथा आजीविका में सुधार लाने में मदद कर सकती हैं।
- कृषि-खाद्य प्रणालियों में जलवायु को मुख्यधारा में लाने के लिये वैश्विक जलवायु वित्त, घरेलू बजट और निजी क्षेत्र से बड़े निवेश की आवश्यकता है।
- जलवायु परिवर्तन का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से इसकी आर्थिक रूप से कमज़ोर ग्रामीण आबादी प्रभावित होती है, जो काफी हद तक जलवायु आधारित कृषि आजीविका पर निर्भर है।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
- FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी पर नियंत्रण हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।
- प्रत्येक वर्ष 16 अक्तूबर को विश्व भर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष 1945 में FAO की स्थापना चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है।
- भारत सहित 194 सदस्य देशों एवं यूरोपीय संघ के साथ FAO विश्वभर में 130 से अधिक देशों में कार्य करता है।
- यह रोम (इटली) स्थित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य सहायता संगठनों में से एक है। इसकी सहयोगी संस्थाएँ विश्व खाद्य कार्यक्रम तथा कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष (IFAD) हैं।
- प्रमुख प्रकाशन:
- वैश्विक मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर की स्थिति (State of World Fisheries and Aquaculture - SOFIA)।
- विश्व के वनों की स्थिति (State of the World's Forests- SOFO)।
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति ( State of Food Security and Nutrition in the World - SOFI)।
- खाद्य और कृषि की स्थिति (State of Food and Agriculture - SOFA)।
- कृषि कोमोडिटी बाज़ार की स्थिति ( State of Agricultural Commodity Markets -SOCO)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. FAO पारंपरिक कृषि प्रणालियों को 'सार्वभौमिक रूप से महपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (Globally Important System 'GIAHS)' की हैसियत प्रदान करता है। इस पहल का संपूर्ण लक्ष्य क्या है? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (b) प्रश्न. भारत सरकार मेगा फुड पार्क की अवधारणा को किन-किन उद्देश्यों से प्रोत्साहित कर रही है? (2011) 1- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिये उत्तम अवसंरचना सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु। उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. भारत में स्वतंत्रता के बाद कृषि क्षेत्र में हुई विभिन्न प्रकार की क्रांतियों की व्याख्या कीजिये। इन क्रांतियों ने भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में किस प्रकार मदद की है? (2017) |