रैपिड फायर
इंटरपोल 'सिल्वर नोटिस’
- 17 Jan 2025
- 3 min read
स्रोत: द हिंदू
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि नया इंटरपोल 'सिल्वर नोटिस' सीमा पार अवैध संपत्तियों का पता लगाने के लिये पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (MLAT) की तुलना में अधिक प्रभावी उपकरण है।
‘सिल्वर नोटिस’
- इंटरपोल ने 'सिल्वर नोटिस' को 2023 में लॉन्च किया, जो वर्ष 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के परामर्श के बाद शुरू हुआ था। यह वर्ष 2025 तक चलने वाले पायलट चरण का हिस्सा है।
- इस पहल में भारत सहित 52 देश शामिल हैं।
- इस पहल का उद्देश्य अवैध गतिविधियों से जुड़ी आपराधिक संपत्तियों की पहचान कर बरामद करना, साथ ही लूटी गई संपत्तियों, वाहनों, वित्तीय खातों और व्यापारों का पता लगाना है।
- यह सदस्य देशों को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी और पर्यावरण संबंधी अपराधों से जुड़ी संपत्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
‘इंटरपोल नोटिस’:
- इंटरपोल नोटिस अंतर्राष्ट्रीय अलर्ट हैं, जो सदस्य देशों की पुलिस को अपराध-संबंधी जानकारी साझा करने में सक्षम बनाते हैं।
- इंटरपोल- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) विशेष नोटिस के अलावा 8 प्रकार के नोटिस हैं।
- नोटिस का अनुरोध निम्नलिखित द्वारा किया जा सकता है:
- किसी सदस्य देश का इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो ( भारत में भारतपोल)।
- संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय।
- भारत ने भारतीय अन्वेषण अभिकरण की दक्षता बढ़ाने के लिये 'भारतपोल' पोर्टल लॉन्च किया है।
इंटरपोल:
- इंटरपोल एक वैश्विक पुलिस संगठन है जो अपराध नियंत्रण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1923 में वियना में हुई थी, जिसका मुख्यालय ल्यों, फ्राँस में है।
- भारत वर्ष 1949 में इंटरपोल का सदस्य बना।
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