अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, 2024 | 23 May 2024
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, 2024 जेनी एर्पेनबेक द्वारा लिखित और माइकल हॉफमैन द्वारा अनुवादित "कैरोस" को प्रदान किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, जिसे पहले मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, वर्ष 2005 में प्रारंभ किया गया था, यह अंग्रेज़ी में अनुवादित और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित एक पुस्तक के लिये प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य वैश्विक कथा साहित्य को बढ़ावा देना और अनुवादकों के कार्य की सराहना करना है।
- पुरस्कार राशि: इस पुरस्कार में 50,000 पाउंड (64,000 अमेरिकी डॉलर) की धनराशि दी जाती है, जिसे लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।
- शॉर्टलिस्ट किये गए लेखकों और अनुवादकों में से प्रत्येक को सांत्वना स्वरुप 2,500 पाउंड दिये जाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाले भारतीय:
वर्ष |
लेखक |
कार्य |
1971 |
वी. एस. नायपॉल |
इन अ फ्री स्टेट |
1981 |
सलमान रुश्दी |
नाइट्स चिल्ड्रेन |
1997 |
अरुंधती रॉय |
द गॉड ऑफ स्माॅल थिंग्स |
2006 |
किरण देसाई |
द इनहेरिटेंस लाॅस |
2008 |
अरविंद अडिग |
द वाइट टाइगर |
2022 |
गीतांजलि श्री |
टॉम्ब ऑफ सैंड |