प्रारंभिक परीक्षा
इंडोनेशिया पहुँची INS सिंधुकेसरी
- 27 Feb 2023
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दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ बढ़ते सैन्य सहयोग के अनुरूप भारतीय नौसेना की किलो वर्ग की पारंपरिक पनडुब्बी INS सिंधुकेसरी 22-24 फरवरी, 2023 तक पहली बार जकार्ता, इंडोनेशिया के डॉकयार्ड पर रुकी।
- सुंडा जलसंधि से होते हुए इसने सामरिक पुनर्समायोजन (Operational Turnaround- OTR) के लिये अपनी पहली डॉकिंग इंडोनेशिया में की।
INS सिंधुकेसरी:
- INS सिंधुकेसरी रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों का हिस्सा है।
- वर्ष 2018 में पुनर्निर्मित किये जाने से पहले इस पनडुब्बी को वर्ष 1989 में भारतीय नौसेना द्वारा कमीशन किया गया था।
- सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ किलो श्रेणी की डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ हैं। यह पनडुब्बी 3,000 टन भार ले जाने में सक्षम है।
भारतीय नौसेना की वर्तमान पारंपरिक पनडुब्बी शक्ति:
- भारतीय नौसेना के पास सेवा में 16 पारंपरिक पनडुब्बियाँ, 7 रूसी किलो श्रेणी की, 4 जर्मन मूल की HDW पनडुब्बियाँ और 5 फ्रांँसीसी स्कॉर्पिन श्रेणी पनडुब्बियाँ हैं।
- किलो और HDW की आयु बढ़ने के साथ उनकी लाइफ को बढ़ाने के लिये एक मेजर रिफिट लाइफ सर्टिफिकेशन (MRLC) कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- INS सिंधुकेसरी, जिसे फरवरी 1989 में शामिल किया गया था, वर्ष 2018 में रूस के सेवेरोडविंस्क में MRLC से गुज़री।
- मूल रूप से रूस से खरीदी गई 10 किलो श्रेणी की पनडुब्बियों में से सिंधुरक्षक दुर्घटना में खो गई थी, सिंधुवीर को म्याँमार स्थानांतरित कर दिया गया था और सिंधुध्वज को 35 वर्ष बाद जुलाई 2020 में सेवामुक्त कर दिया गया था।
- इस बीच किलो श्रेणी की एक और पनडुब्बी INS सिंधुकीर्ति, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL), विशाखापत्तनम पहुँच गई है।
नोट:
किलो श्रेणी की पनडुब्बियों में 2,300 टन का विस्थापन, 300 मीटर की अधिकतम डाइविंग गहराई तथा 18 समुद्री मील की अधिकतम गति क्षमता है। यह पनडुब्बी चालक दल के 53 सदस्यों के साथ 45 दिनों तक अकेले कार्य करने में सक्षम हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'INS अस्त्रधारिणी' का, जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ था, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वोत्तम वर्णन है? (2016) (a) उभयचर युद्ध पोत उत्तर: (c) |