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भारत के समुद्री क्षेत्र संबंधी पहलें

  • 03 Mar 2025
  • 6 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत के समुद्री बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण के लिये कई प्रमुख पहलों की शुरुआत की।

समुद्री बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण हेतु की गई पहलें कौन-सी हैं?

  • एक राष्ट्र-एक बंदरगाह प्रक्रिया (ONOP): इसका उद्देश्य दस्तावेज़ीकरण और प्रक्रियाओं में विसंगतियों को दूर करते हुए बंदरगाह संचालन को मानकीकृत करना है।
    • ONOP प्रक्रिया के माध्यम से मंत्रालय ने दस्तावेज़ीकरण को मानकीकृत किया, जिससे कंटेनर संचालन दस्तावेज़ों में 33% और बल्क कार्गो दस्तावेज़ों में 29% की कमी आई। 
  • सागर आंकलन- लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI) 2023-24: इसके अंतर्गत जहाज़ से माल उतारने और लादने में लगने वाले समय (टर्नअराउंड टाइम), बर्थ निष्क्रिय समय और कार्गो हैंडलिंग के आधार पर बंदरगाह दक्षता का मूल्यांकन किया जाता है।
  • भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम: यह कंसोर्टियम बंदरगाह परिचालन, वित्त और बुनियादी ढाँचे के विकास में प्रमुख हितधारकों को एकीकृत कर भारत की समुद्री पहुँच का विस्तार करेगा।
    • इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (संचालन), सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (वित्त), और इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बुनियादी ढाँचा विकास) का संघ बंदरगाह विस्तार, संचालन और वित्तपोषण को आगे बढ़ाएगा, जिससे वैश्विक व्यापार और लॉजिस्टिक्स में भारत की भूमिका मज़बूत होगी। 
  • मैत्री प्लेटफार्म: व्यापार दस्तावेज़ीकरण को डिजिटाइज़ करने, प्रसंस्करण समय को कम करने, व्यापार प्रवाह को अनुकूलित करने और सतत् विकास में योगदान करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और नियामक इंटरफेस (MAITRI) के लिये मास्टर एप्लीकेशन। 
  • NCoEGPS: पर्यावरण अनुकूल शिपिंग और कार्बन फुटप्रिंट में कमी को बढ़ावा देने के लिये ग्रीन पोर्ट और शिपिंग में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCoEGPS)।
    • यह स्वच्छ ईंधन और पर्यावरण अनुकूल बंदरगाह प्रबंधन को बढ़ावा देता है, जिसका लक्ष्य वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप भविष्य के लिये तैयार समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में समुद्री क्षेत्र संबंधी पहल

  • समुद्री विकास कोष (MDF): यह 25,000 करोड़ रुपए का कोष है जो इक्विटी एवं ऋण वित्तपोषण के माध्यम से समुद्री क्षेत्र को समर्थन प्रदान करने पर केंद्रित है।
  • शिप ब्रेकिंग क्रेडिट नोट योजना: यह स्क्रैप मूल्य के 40% के बराबर क्रेडिट नोट जारी करके शिप ब्रेकिंग को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है, जिसका उपयोग भारत में निर्मित नए जहाज़ खरीदने के लिये किया जा सकता है।
  • अवसंरचना HML: इसके तहत बड़े जहाज़ो को अवसंरचना सामंजस्यपूर्ण मास्टर सूची (HML) में जोड़ना शामिल है जिससे दीर्घकालिक वित्तपोषण, कर प्रोत्साहन, निजी निवेश और बेड़े का आधुनिकीकरण संभव हो सकेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. IONS का उद्घाटन भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में वर्ष 2015 में भारत में किया गया था।
  2.   IONS एक स्वैच्छिक पहल है जो हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय राज्यों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने का प्रयास करती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: b


प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR_ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है। 
  2.   यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

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