रैपिड फायर
जनजातीय छात्रों के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पहल
- 23 Feb 2024
- 2 min read
स्रोत: पी. आई. बी
आयुष मंत्रालय ने अपनी अनुसंधान परिषद केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Ayurvedic Sciences- CCRAS) के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (National Institute of Research in Tribal Health- NIRTH) जबलपुर की संयुक्त पहल से जनजातीय विद्यार्थियों के लिये एक स्वास्थ्य पहल की है। इस परियोजना से 20,000 से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों को लाभ होगा।
- संयुक्त पहल का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) में बच्चों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करना है, जिसमें 14 राज्यों में चिह्नित 55 EMRS में 10-18 आयु वर्ग के छात्रों को लक्षित किया गया है।
- यह आयुर्वेदिक हस्तक्षेपों के माध्यम से कुपोषण, एनीमिया, सिकल सेल रोग, हीमोग्लोबिनोपैथी और तपेदिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर बच्चों में स्वस्थ जीवन शैली प्रथाओं को स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, जिसका लक्ष्य उनके स्वास्थ्य, कल्याण और बीमारी की रोकथाम में सुधार करना है, साथ ही रोग प्रबंधन के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण भी अपनाना है।
- यह आयुर्वेदिक हस्तक्षेपों के माध्यम से कुपोषण, एनीमिया, सिकल सेल रोग, हीमोग्लोबिनोपैथी और तपेदिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) दूरदराज़ के क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (ST) के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। उच्च शिक्षा और रोज़गार के अवसरों तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के लिये स्कूल खेल, कौशल प्रशिक्षण तथा स्वास्थ्य देखभाल सहित समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
और पढ़ें…एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय