प्रारंभिक परीक्षा
सूजन संबंधी आंत्र रोग
- 26 Apr 2024
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स्रोत: द हिंदू
हाल ही में सूजन संबंधी आंत्र रोग (Inflammatory Bowel Disease- IBD) जिसमें मुख्य रूप से अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग शामिल है, वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है।
सूजन संबंधी आंत्र रोग (IBD) क्या है?
- परिचय: IBD, जठरांत्र (gastrointestinal- GI) पथ को प्रभावित करने वाली पुरानी सूजन संबंधी स्थितियों के लिये एक व्यापक शब्द है।
- IBD के दो मुख्य प्रकार:
- क्रोहन रोग (Crohn's disease): यह मुँह से लेकर गुदा तक पाचन तंत्र के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकता है। सूजन चकतीदार (patchy) हो सकती है, जिसका अर्थ है कि स्वस्थ ऊतक के क्षेत्र सूजन वाले क्षेत्रों से जुड़े हो सकते हैं। यह अक्सर आंतों की दीवार की परतों को प्रभावित करता है।
- व्रणयुक्त बृहदांत्रशोथ (Ulcerative colitis): बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय की आंतरिक परत (म्यूकोसा) तक सीमित। सूजन लगातार बनी रहती है, गंभीर मामलों में पूरे बृहदान्त्र को प्रभावित करती है।
- IBD के दो मुख्य प्रकार:
- कारण: IBD का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन शोध आनुवंशिकी, प्रतिरक्षा प्रणाली और पर्यावरणीय कारकों जैसे कारकों की एक जटिल परस्पर क्रिया का सुझाव देता है।
- लक्षण: पेट में दर्द और ऐंठन, दस्त, खूनी मल, मल त्याग करने की तत्काल आवश्यकता, वज़न कम होना तथा थकान।
- उपचार: IBD का कोई वैधानिक उपचार नहीं है, लेकिन उपचार का उद्देश्य लक्षणों को प्रबंधित करना और राहत प्रदान करना है। इनमें दवाएँ, आहार में परिवर्तन और सर्जरी शामिल हैं।
- भारत में चुनौतियाँ:
- भारत में वर्ष 1990 से वर्ष 2019 तक IBD की घटना लगभग दोगुनी हो गई है, जिससे बेहतर उपचार परिणामों की सुविधा के लिये शीघ्र पता लगाने की तत्काल आवश्यकता पर बल मिलता है।
- भारत में IBD का निदान अद्वितीय चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है, विशेष रूप से समान नैदानिक लक्षणों के कारण क्रोहन रोग और आंत्र तपेदिक के बीच अंतर स्पष्ट करने में।
- जीवनशैली में बदलाव, जिसमें पश्चिमी आहार की ओर बदलाव भी शामिल है, को भारत में IBD की बढ़ती घटनाओं में योगदान देने वाले कारकों के रूप में उद्धृत किया गया है।
नोट: IBD आनुवंशिक, प्रतिरक्षा और पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित पाचन तंत्र की एक पुरानी सूजन की बीमारी (Chronic Inflammatory Disease) है, जबकि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) एक नॉन-इन्फ्लेमेट्री फंक्शनल बोवेल डिसऑर्डर है, जो संभवतः परिवर्तित आंत्र-मस्तिष्क अंतःक्रिया, आंत्र तंत्रिका का बढ़ने या पाचन तंत्रिका के संकुचन संबंधी मुद्दों से जुड़ा हुआ है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में कौन-सा एक, मानव शरीर में B कोशिकाओं और T कोशिकाओं की भूमिका का सर्वोत्तम वर्णन है? (2022) (a) वे शरीर को पर्यावरणीय प्रत्यूर्जकों (एलर्जनों) से संरक्षित करती हैं। उत्तर: (d) प्रश्न. आनुवंशिक रोगों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c ) |