रैपिड फायर
भारत-पाक के बीच परमाणु और कैदी सूचियों का आदान-प्रदान
- 04 Jan 2025
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बावज़ूद परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान किया तथा कैदियों और मछुआरों का विवरण साझा किया।
- कैदियों और मछुआरों की सूचियों का आदान-प्रदान वर्ष 2008 के कांसुलरी एक्सेस समझौते के तहत अनिवार्य है, जो प्रत्येक दो वर्ष में 1 जनवरी और 1 जुलाई को होता है।
- परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के प्रतिषेध समझौते, 1988 के तहत हुआ।
- यह लगातार 34वाँ आदान-प्रदान था, पहला आदान -प्रदान 1 जनवरी 1992 को हुआ था।
- 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षरित तथा 27 जनवरी 1991 से प्रभावी इस समझौते के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान को प्रतिवर्ष 1 जनवरी को परमाणु स्थापना के विवरण का आदान-प्रदान करना आवश्यक है।
- हालाँकि दोनों में से किसी भी देश ने परमाणु प्रतिष्ठानों का विवरण नहीं बताया है।
- कांसुलर संबंधों पर वियना कन्वेंशन, 1963 के अनुच्छेद 36 में यह अनिवार्य किया गया है कि गिरफ्तार या हिरासत में लिये गए विदेशी नागरिकों को उनके दूतावास या वाणिज्य दूतावास को अधिसूचित करने के उनके अधिकार के बारे में शीघ्र सूचित किया जाना चाहिये।
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