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भारत-अमेरिका सांस्कृतिक संपदा समझौता

  • 01 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारत और अमेरिका ने सांस्कृतिक कलाकृतियों की अवैध तस्करी से निपटने तथा पुरावस्तुओं को उनके मूल स्थान पर वापस लौटाने को सुनिश्चित करने के लिये पहली बार सांस्कृतिक संपदा समझौते (Cultural Property Agreement- CPA) पर हस्ताक्षर किये।

  • यह समझौता सांस्कृतिक संपत्ति के अवैध आयात, निर्यात और स्वामित्व हस्तांतरण के निषेध एवं रोकथाम के साधनों पर यूनेस्को कन्वेंशन के 1970 के अनुच्छेद 9 के अनुरूप है।
  • CPA 1.7 मिलियन वर्ष पूर्व से लेकर वर्ष 1947 तक की कुछ पुरातात्त्विक और नृवंशविज्ञान संबंधी सामग्रियों के अमेरिका में आयात पर प्रतिबंध लगाता है। आयात के लिये प्रतिबंधित ऐसी वस्तुओं की सूची अमेरिकी सरकार द्वारा प्रख्यापित की जाएगी।
    • अमेरिका, भारत को नामित सूची में शामिल किसी भी वस्तु या सामग्री को वापस करने की पेशकश करेगा, जो अमेरिकी सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गई हो।
    • इसी प्रकार के समझौते अमेरिका और अल्जीरिया, कंबोडिया, चीन, मिस्र और इटली जैसे देशों के बीच भी हैं।
  • यह समझौता G20 बैठकों के दौरान शुरू की गई साल भर की द्विपक्षीय चर्चाओं का परिणाम है। भारत की G20 अध्यक्षता के तहत, सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा पर ध्यान सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
    • काशी कल्चर पाथवे और वर्ष 2023 में नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (New Delhi Leaders’ Declaration- NDLD) ने अवैध तस्करी से लड़ने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
  • यह वैश्विक विकास रणनीति में बदलाव का प्रतीक है, जो वर्ष 2030 के बाद के विकास ढाँचे में संस्कृति को एक स्वतंत्र लक्ष्य के रूप में महत्त्व देता है।

और पढ़ें: G20 संस्कृति मंत्री स्तरीय बैठक और B20 शिखर सम्मेलन 2023

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