वर्ष 2047 तक भारत करेगा छह मेगा-पोर्ट विकसित | 12 Feb 2024
स्रोत: पी. आई. बी
बंदरगाह, जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्रालय के हालिया अपडेट में वर्ष 2047 तक भारत में मेगा-पोर्ट के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई है।
- वर्ष 2047 तक मेगा पोर्ट के रूप में विकास के लिये छह बंदरगाह समूहों की पहचान की गई।
- 300 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से अधिक क्षमता वाले चार बंदरगाह क्लस्टर:
- कोचीन-विझिंजम पोर्ट क्लस्टर, गैलाथिया दक्षिणी खाड़ी पोर्ट, चेन्नई-कामराजार-कुड्डालोर पोर्ट क्लस्टर, पारादीप और अन्य गैर-प्रमुख पोर्ट क्लस्टर।
- 500 MTPA से अधिक क्षमता वाले दो बंदरगाह क्लस्टर:
- (i) दीनदयाल और टुना टेकरा और (ii) जवाहरलाल नेहरू - वधावन।
- 300 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से अधिक क्षमता वाले चार बंदरगाह क्लस्टर:
- प्रमुख बंदरगाह समुद्री अमृतकाल विज़न, 2047 के हिस्से के रूप में क्षमता और बुनियादी ढाँचे को बढ़ा रहे हैं।
- बंदरगाह विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और आंतरिक संसाधनों के माध्यम से बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ चल रही हैं।
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