भारत का पहला डाइमिथाइल ईथर ईंधन चालित ट्रैक्टर | 13 Jun 2023
हाल ही में IIT कानपुर ने सभी प्रकार की सडकों पर संचालन के लिये भारत के पहले 100% डाइमिथाइल ईथर (DME) संचालित ट्रैक्टर/वाहन का निर्माण किया है, जो मानक डीज़ल इंजन की तुलना में उच्च तापीय दक्षता रखता है और साथ ही इससे काफी कम प्रदूषण उत्पन्न होता है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के एक भाग, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) ने इस अनुसंधान का समर्थन किया है।
- यह परियोजना नीति आयोग के 'मेथनॉल अर्थव्यवस्था' कार्यक्रम के साथ संरेखित है जिसका उद्देश्य भारत के तेल आयात बिल और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है।
डाइमिथाइल ईथर ईंधन से संबंधित मुख्य बिंदु:
- परिचय:
- यह एक कृत्रिम रूप से उत्पादित वैकल्पिक ईंधन है जिसे विभिन्न उद्देश्यों के लिये विशेष रूप से अभिकल्पित किये गए कंप्रेस्ड इग्निशन डीज़ल इंजनों में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यह कच्चे तेल का एक अक्षय विकल्प है।
- जापान, अमेरिका, चीन, स्वीडन, डेनमार्क और कोरिया सहित कई देश पहले से ही अपने वाहनों हेतु इसका का उपयोग कर रहे हैं।
- विशेषता:
- सामान्य वायुमंडलीय परिस्थितियों में DME एक रंगहीन गैस है।
- DME तुलनीय कैलोरी मान और पारंपरिक ईंधन के लिये इसकी तापीय दक्षता की समानता प्रदर्शित करता है यह कम उत्सर्जन और कम पार्टिकुलेट मैटर वाला एक स्वच्छ प्रज्वलनशील ईंधन है।
- उपयोग:
- यह व्यापक रूप से रासायनिक उद्योग में और विलायक, ईंधन और प्रशीतक के रूप में उपयोग किया जाता है।
- ओज़ोन को नष्ट करने वाले क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) को बदलने के लिये इसे पहले से ही ओज़ोन-अनुकूल एयरोसोल प्रणोदक के रूप में इस्तेमाल किया जा चुका है।
- यह कम ओलेफिन, डाइमिथाइल सल्फेट और मिथाइल एसीटेट जैसे मूल्यवान रसायनों के उत्पादन के लिये एक आवश्यक मध्यवर्ती है।
- महत्त्व:
- पर्यावरणीय लाभ:
- DME-ईंधन वाले इंजन ने उल्लेखनीय रूप से कम कण और कालिख उत्सर्जन का प्रदर्शन किया, जिससे धुएँ का उत्पादन लगभग समाप्त हो गया।
- इसे उपचार उपकरणों या उन्नत इंजन प्रौद्योगिकियों के बाद महँगी निकास गैस की आवश्यकता के बिना हासिल किया गया है।
- DME तकनीक कृषि और परिवहन क्षेत्रों में पारंपरिक डीज़ल इंजनों के लिये एक व्यवहार्य एवं पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करती है।
- नवीकरणीय विकल्प के रूप में DME:
- भारत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिये कच्चे तेल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
- डाइमिथाइल ईथर (DME) एक नवीकरणीय वैकल्पिक ईंधन विकल्प प्रस्तुत करता है जिसका उत्पादन घरेलू तौर पर किया जा सकता है।
- भारत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिये कच्चे तेल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
- ‘मेथनॉल अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाना:
- घरेलू कोयले के भंडार, सस्ते कृषि बायोमास अपशिष्ट और नगर निगम के ठोस अपशिष्ट को मेथनॉल और DME में परिवर्तित करने से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है।
- घरेलू कोयले के भंडार, सस्ते कृषि बायोमास अपशिष्ट और नगर निगम के ठोस अपशिष्ट को मेथनॉल और DME में परिवर्तित करने से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है।
- पर्यावरणीय लाभ:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित केंद्रीय मंत्रालयों में से कौन-सा बायोडीज़ल मिशन (नोडल मंत्रालय के रूप में) लागू कर रहा है? (2008) (a) कृषि मंत्रालय उत्तर: (d) व्याख्या:
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