भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद के लिये फिर से निर्वाचित | 04 Dec 2023
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद के लिये फिर से चुना गया है, जो IMO में इसकी निरंतर सेवा का प्रतीक है।
- यह पुनः निर्वाचन वर्ष 2024-25 द्विवार्षिक का हिस्सा, जो भारत को "अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि" वाले 10 राज्यों की श्रेणी में रखता है और वैश्विक समुद्री मामलों में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन क्या है?
- IMO के बारे में:
- IMO संयुक्त राष्ट्र (UN ) की एक विशेष एजेंसी है जो शिपिंग को विनियमित करने और जहाज़ों से समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिये ज़िम्मेदार है।
- IMO की स्थापना 1948 में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के बाद हुई थी और 1958 में अस्तित्त्व में आया।
- सदस्य:
- IMO में 175 सदस्य देश और तीन सहयोगी सदस्य हैं, इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है।
- भारत 1959 में IMO में शामिल हुआ।
- IMO में 175 सदस्य देश और तीन सहयोगी सदस्य हैं, इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है।
- भूमिका:
- इसकी मुख्य भूमिका पोत परिवहन उद्योग के लिये एक नियामक ढाँचा तैयार करना है जो निष्पक्ष तथा प्रभावी हो, सार्वभौमिक रूप से अपनाया गया हो एवं सार्वभौमिक रूप से लागू किया गया हो।
- यह विधि संबंधी विषयों को भी शामिल करता है, जिसमें दायित्व तथा प्रतिपूर्ति के मुद्दे एवं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री यातायात की सुगमता शामिल है।
- पोत परिवहन तथा समुद्री गतिविधियों के महत्त्व को उजागर करने के लिये IMO सितंबर के प्रत्येक अंतिम गुरुवार को विश्व समुद्री दिवस मनाता है।
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IMO की संरचना:
- IMO सदस्यों की सभा (Assembly) द्वारा शासित होता है, जिसकी बैठक द्विवार्षिक रूप से होती है तथा 40 सदस्यों की एक परिषद होती है, जिसे दो वर्ष की अवधि के लिये विधानसभा द्वारा चुना जाता है।
- IMO की सर्वोच्च शासी निकाय असेंबली है।
- यह परिषद IMO की इकाई है तथा संगठन के कार्य की निगरानी के लिये ज़िम्मेदार है। यह समुद्री सुरक्षा और प्रदूषण की रोकथाम पर सरकारों को सिफारिशें करने के अलावा असेंबली के कार्यों का निष्पादन करती है।
- IMO का कार्य पाँच समितियों तथा विभिन्न उपसमितियों के माध्यम से संचालित होता है, जो अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, कूट, प्रस्तावों एवं दिशा-निर्देशों के विकास व उन्हें अपनाते हैं।
- IMO सदस्यों की सभा (Assembly) द्वारा शासित होता है, जिसकी बैठक द्विवार्षिक रूप से होती है तथा 40 सदस्यों की एक परिषद होती है, जिसे दो वर्ष की अवधि के लिये विधानसभा द्वारा चुना जाता है।
- भारत और IMO:
- भारत समुद्री मामलों के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए IMO परिषद की श्रेणी-बी में बना हुआ है।
- भारत के विज़न 2030 का लक्ष्य IMO लंदन में स्थायी प्रतिनिधियों की नियुक्ति करके IMO में प्रतिनिधित्व बढ़ाना है।
- अमृत काल विज़न 2047 भारत की वैश्विक समुद्री उपस्थिति को मज़बूत करने के लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार करता है।
- पहलों में एक समर्पित IMO सेल की स्थापना, IMO मुख्यालय में एक स्थायी प्रतिनिधि की नियुक्ति व बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) मास्टर प्लान को लागू करना शामिल है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ‘क्षेत्रीय सहयोग के लिये हिंद महासागर रिम संघ [इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (IOR-ARC)]' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |