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भारत-केन्या संबंध

  • 04 Feb 2023
  • 4 min read

भारत ने हाल ही में केन्या को 100 समुद्री चार्ट सौंपे, जो लामू द्वीपसमूह के निकट तटीय क्षेत्र के दोनों देशों की नौसेनाओं के मध्य एक सहयोगी सर्वेक्षण का परिणाम है।

  • यह सर्वेक्षण भारतीय नौसेना के राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा आयोजित किया गया था।

Kenya

केन्या से संबंधित प्रमुख बिंदु: 

  • केन्या पूर्वी अफ्रीका में स्थित है। इसका भू-भाग हिंद महासागर के निचले तटीय मैदान से लेकर इसके केंद्र में पहाड़ों और पठारों तक फैला हुआ है।
  • हिंद महासागर और विक्टोरिया झील के मध्य केन्या की अविस्थिति का मतलब है कि पूरे अफ्रीका और मध्य पूर्व के लोग सदियों से यात्रा और व्यापार करते रहे हैं।
    • इसने कई जातीय समूहों और भाषाओं के साथ एक विविध संस्कृति का निर्माण किया है। 
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी केन्या और तंजानिया शायद इंसानों के मूल जन्मस्थान रहे होंगे।
  • अब तक पाए गए सबसे पुराने मानव पूर्वजों में से एक की हड्डियाँ केन्या के तुर्काना बेसिन में खोजी गई थीं।
    • तुर्काना झील, विश्व की सबसे बड़ी रेगिस्तानी झील, ओमो-तुरकाना बेसिन का हिस्सा है, जो चार देशों- इथियोपिया, केन्या, दक्षिण सूडान और युगांडा में फैली हुई है। 
  • UN-Habitat का मुख्यालय नैरोबी, केन्या में स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में है।

केन्या के साथ भारत के संबंध:

  • भारत और केन्या के संबंध काफी पुराने हैं जिसका उल्लेख हमें इनके बीच मसालों के व्यापार में मिलता है।
    • भारत का समुद्री पड़ोसी देश होने के अतिरिक्त पश्चिमी हिंद महासागर की भू-राजनीति के निर्धारण में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
  • भारत का अफ्रीकी संघ के साथ लंबे समय से स्थापित संबंध है, साथ ही भारत इसका सक्रिय सदस्य है।
    • वर्ष 2017 में केन्याई सरकार ने भारतीय विरासत (मूल) के लोगों को अपने राष्ट्र में 44वीं जनजाति के रूप में नामित किया।
  • इसके अलावा अब तक कुल 14 केन्याई कर्मियों ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (Indian Technical and Economic Cooperation- ITEC) योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोग्राफी, गोवा में अपना प्रशिक्षण पूरा किया है।

भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम: 

  • ITEC विदेश मंत्रालय, भारत सरकार का अग्रणी क्षमता निर्माण मंच है।
  •  वर्ष 1964 में स्थापित ITEC अंतर्राष्ट्रीय क्षमता निर्माण हेतु सबसे पुरानी संस्थागत व्यवस्थाओं में से एक है, जिसने नागरिक और रक्षा क्षेत्र दोनों में 160+ देशों के 200,000 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।  
  • EC प्रत्येक वर्ष  भारत में 100+ प्रतिष्ठित संस्थानों में पेश किये जाने वाले लगभग 400 पाठ्यक्रमों के माध्यम से लगभग 10,000 पूर्ण रूप से वित्तपोषित व्यक्तिगत प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करता है। 

स्रोत: द हिंदू

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