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भारत-यूरोपीय यूनियन व्यापार समस्या

  • 22 Jun 2024
  • 6 min read

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

हाल ही में यूरोपीय यूनियन (European Union- EU) ने सुरक्षा शुल्क को वर्ष 2026 तक दिया है, यह पहले इस महीने समाप्त होने वाला था। 

भारत-यूरोपीय यूनियन व्यापार में हाल की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • निर्यात: वित्त वर्ष 2024 में यूरोप को भारत का निर्यात लगभग 86 बिलियन अमरीकी डॉलर था और 2021-22 में यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के लिये भारत का व्यापारिक निर्यात लगभग 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि आयात 51.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 
    • वर्ष 2022-23 के लिये निर्यात 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • इस्पात निर्यात में पर्याप्त रुचि: यूरोपीय यूनियन को भारत का लौह और इस्पात उत्पाद निर्यात वर्ष 2023-2024 में बढ़कर 6.64 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2022-23 में 6.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
  • प्रतिकारी शुल्कों का अधिरोपण: वर्ष 2020 में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने कुछ भारतीय निर्यातों पर प्रतिकारी शुल्क (Countervailing Duties- CVD) लगाया, जिनमें पेपर फाइल फोल्डर, सामान्य मिश्र धातु एल्यूमीनियम शीट और जाली स्टील फ्लुइड शामिल हैं।
    • प्रतिकारी शुल्क (CVD) आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैरिफ हैं, जो निर्यातक देश की सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की भरपाई के लिये लगाए जाते हैं, जिसका उद्देश्य घरेलू उद्योग की रक्षा करना होता है।
  • सरकार की प्रतिक्रिया: वाणिज्य मंत्रालय शीर्ष आयातक देशों द्वारा लगाए गए प्रतिपूरक शुल्कों से बचने के लिये सरकार की शुल्क छूट योजना (RoDTEP) के तहत निर्यातकों को दिये गए कर रिफंड को सत्यापित करने हेतु एक संस्थागत तंत्र पर काम कर रहा है।

RoDTEP योजना क्या है?

  • परिचय:
    • निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट की योजना (Remission of Duties and Taxes on Export Products- RoDTEP) 1 जनवरी, 2021 से लागू किया गया एक शुल्क छूट कार्यक्रम है और निर्यातित वस्तुओं पर कर के बोझ को कम करके निर्यात को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
      • इसका प्रशासन वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है।
    • यह पूर्ववर्ती निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रम, मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया (MEIS) का स्थान लेगा।
      • MEIS विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization- WTO) के निर्णय से प्रेरित था, क्योंकि MEIS योजना विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन करती थी
  • उद्देश्य:
    • इस योजना का उद्देश्य निर्यातकों को विभिन्न लागतों की प्रतिपूर्ति करके व्यापक सहायता प्रदान करना है।
    • इसका उद्देश्य निर्यातकों को उत्पादन और वितरण प्रक्रिया के दौरान लगने वाले करों, शुल्कों और शुल्कों की प्रतिपूर्ति करना है, जो अन्य योजनाओं के तहत वापस नहीं किये जाते हैं।
  • RoDTEP के अंतर्गत नए क्षेत्रों को शामिल करना:
    • भारत सरकार ने अतिरिक्त निर्यात क्षेत्रों जैसे अग्रिम प्राधिकरण (Advance Authorisation- AA) धारकों, निर्यात उन्मुख इकाइयों (Export Oriented Units- EOU) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones- SEZ) निर्यात इकाइयों को RoDTEP योजना सहायता का विस्तार करने की घोषणा की है।
      • इंजीनियरिंग, कपड़ा, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा कई अन्य क्षेत्र इस उपाय से लाभान्वित होंगे।
  • वित्तीय आवंटन:
    • अपनी स्थापना के बाद से RoDTEP योजना ने पहले ही 10,500 से अधिक निर्यात वस्तुओं को 42,000 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की है।
      • चालू वित्त वर्ष में इस योजना का बजट 15,070 करोड़ रुपए है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 में 10% की अतिरिक्त वृद्धि की जाएगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा,विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. वर्तमान में भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2020)

  1. भारत के माल का निर्यात, माल के आयात से कम है।
  2.  भारत के लोहे व इस्पात, रसायनों, उर्वरकों और मशीनों के आयात में हाल के वर्षों में कमी आई है।
  3.  भारत की सेवाओं का निर्यात, सेवाओं के आयात से अधिक है।
  4.  भारत को कुल मिलाकर व्यापार/चालू खाते का घाटा हो रहा है। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 3
(d) केवल 1, 2 और 4

उत्तर: D

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