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निधि कंपनियों पर नियामक कार्यवाही में वृद्धि

  • 30 Dec 2024
  • 2 min read

स्रोत: लाइव मिंट

  • वर्ष 2024 में, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) और कंपनी रजिस्ट्रार (RoC) ने निधि कंपनियों तथा लाभकारी स्वामित्व प्रकटीकरण में विफल रहने वाली फर्मों के खिलाफ कार्यवाही तेज़ कर दी है। 
  • ऐसा वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने, गैर-बैंकिंग क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने तथा कॉर्पोरेट प्रशासन को मज़बूत करने के लिये किया गया।
  • कंपनी रजिस्ट्रार ने निधियों के विरुद्ध 131 आदेश जारी किये, जो वर्ष 2023 से 72% अधिक है, जिसमें 10,000 रुपए से 30 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना शामिल है। 
  • लाभकारी स्वामित्व से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो अंततः किसी कंपनी के मालिक होते हैं या उस पर नियंत्रण रखते हैं, भले ही शेयर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर हों। 
    • कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, कंपनियों को उन व्यक्तियों की पहचान का प्रकटन करना होगा जिनके पास महत्त्वपूर्ण नियंत्रण है या जो 25% या उससे अधिक शेयरों के मालिक हैं।
  • निधि कंपनियाँ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC) हैं जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 406 के तहत संचालित हैं। 
    • ये कंपनियाँ बचत को प्रोत्साहित करने तथा विशेष रूप से अपने सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराने के लिये बनाई गई हैं। 
    • निधियों को RBI लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें सख्त प्रकटीकरण और परिचालन मानदंडों का पालन करना होगा। 
    • वे पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के रूप में पंजीकृत हैं और उनके नाम में "निधि लिमिटेड" शामिल है।
    • उन्हें एक वर्ष के भीतर न्यूनतम 200 सदस्य और 20 लाख रुपए की शुद्ध स्वामित्व निधि बनाए रखनी होगी।

और पढ़ें: निधि कंपनियाँ 

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