वर्ष 2030 तक वैश्विक लोक ऋण में वृद्धि | 19 Oct 2024
स्रोत: द हिंदू
राजकोषीय नीति पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक लोक ऋण रिकॉर्ड 100 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- वैश्विक लोक ऋण वर्ष 2024 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 93% तथा वर्ष 2030 तक 100% तक पहुँचने की उम्मीद है।
- IMF ने ऋण अनुमानों में अनिश्चितताओं का बेहतर आकलन करने के लिये "डेब्ट-एट-रिस्क" पद्धति शुरू की, जिसमें अनुमान लगाया गया कि सबसे खराब स्थिति में वैश्विक लोक ऋण वर्ष 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद का 115% तक बढ़ सकता है।
- सरकारी ऋण लागत में उतार-चढ़ाव वैश्विक कारकों पर निर्भर करते हैं।
- इसका तात्पर्य यह है कि प्रमुख देशों में उच्च ऋण स्तर अन्य देशों में संप्रभु प्रतिफल और ऋण जोखिमों की अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
- सिफारिशें:
- देशों को कम मुद्रास्फीति और ब्याज दर में कटौती के वर्तमान दौर का उपयोग अपने वित्तीय भंडार को मज़बूत करने के लिये करना चाहिये।
- वैश्विक लोक ऋण को नियंत्रण में लाने के लिये देशों को सकल घरेलू उत्पाद का 3.0% से 4.5% के मध्य राजकोषीय समायोजन लागू करने की आवश्यकता है।
- IMF औपचारिक रूप से दिसंबर, 1945 में अस्तित्त्व में आया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद युद्ध से प्रभावित देशों के पुनर्निर्माण में सहायता हेतु इसे विश्व बैंक के साथ स्थापित किया गया था।
- IMF और विश्व बैंक ने अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में एक सम्मेलन में अपनी स्थापना पर सहमति व्यक्त की थी। इसलिये उन्हें ब्रेटन वुड्स ट्विन्स के रूप में जाना जाता है।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
- IMF की प्रमुख रिपोर्टें: वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट और विश्व आर्थिक परिदृश्य।
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