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कोविड-19 का IHU वेरिएंट

  • 05 Jan 2022
  • 6 min read

कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के क्रम में फ्राँस में उभरे 'IHU (इंस्टीट्यूट्स हॉस्पिटलो-यूनिवर्सिटेयर्स)' नाम के एक नए स्ट्रेन की खोज से दुनिया भर में डर पैदा हो गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • खोज:
    • इसकी खोज की घोषणा फ्राँस के इंस्टीट्यूट्स हॉस्पिटलो-यूनिवर्सिटेयर्स (IHU या यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट्स) के मार्सिले हिस्से में मेडिटेरैनी इंफेक्शन के शोधकर्ताओं ने की थी, इसलिये इसका यह नाम पड़ा।
    • IHU संस्करण का पहला ज्ञात मामला नवंबर 2021 के मध्य में फ्राँस के एक व्यक्ति में पाया गया था जो अफ्रीका के कैमरून से लौटा था (वह महाद्वीप जहाँ ओमिक्रॉन खोजा गया था)।
  • परिचय:
    • यह वेरिएंट  B.1.640 का एक उप-वंश है। इसे बी.1.640.2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • इस प्रकार के आनुवंशिक कोड में ओमिक्रॉन से अधिक 46 उत्परिवर्तन और 37 विलोपन हैं, इनमें से कई स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं।
  • प्रसार दर:
    • फ्राँस में अब तक एक दर्जन मामले ही सामने आए हैं। किसी अन्य देश में नए वेरिएंटके किसी भी नए मामले का पता नहीं लगा है। यह निश्चित रूप से उतना खतरनाक नहीं है जितना कि ओमीक्रॉन।
    • जबकि इस प्रकार में बड़ी संख्या में महत्त्वपूर्ण उत्परिवर्तन ने शोधकर्ताओं की रुचि को आकर्षित किया है और जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है, B.1.640 उस दर से नहीं फैल रहा है जो परेशान करने वाली है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक इस आईएचयू संस्करण को इंटरेस्ट, चिंता यहाँ तक ​​​​कि जाँच के तहत एक प्रकार के रूप में नहीं माना है।

वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI)

  • यह एक विशिष्ट ‘जेनेटिक मार्कर्स’ (Genetic Markers) वाला वेरिएंट है जो ‘रिसेप्टर बाइंडिंग’ में परिवर्तन करने, पूर्व में हुए संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी द्वारा संक्रमण के प्रभाव को कम करने, नैदानिक प्रभाव तथा संभावित उपचार को कम करने या संक्रमण को प्रसारित करने या बीमारी की गंभीरता में वृद्धि करने से संबंधित है। 
  • वर्तमान में VOI के दो प्रकार हैं:
    • Mu (B.1.621), जो वर्ष 2021 की शुरुआत में कोलंबिया में उभरा। 
    • Lambda (C.37), जो वर्ष 2020 के अंत में पेरू में उभरा। 

वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC): 

  • वायरस के इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप संक्रामकता में वृद्धि, अधिक गंभीर बीमारी (जैसे- अस्पताल में भर्ती या मृत्यु हो जाना), पिछले संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी में महत्त्वपूर्ण कमी, उपचार या टीके की प्रभावशीलता में कमी या नैदानिक उपचार की विफलता देखने को मिलती है।
  • B.1.1.7 (यूके वेरिएंट), B.1.351 (दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट), P.1 (ब्राज़ील वेरिएंट), B.1.427 और अमेरिका में मिलने वाले B.1.429 वेरिएंट को VOC के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

अधिक गंभीर वेरिएंट:

  • अधिक गंभीर वेरिएंट से इस बात की पुष्टि होती है कि रोकथाम के उपाय या मेडिकल प्रतिउपायों ने पहले से प्रचलित वेरिएंट की सापेक्ष प्रभावशीलता को काफी कम कर दिया है।

वेरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन (VUI):

  • पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) का कहना है कि अगर SARS-CoV-2 के वेरिएंट में महामारी, प्रतिरक्षा या रोगजनक गुण पाए जाते हैं तो इसकी औपचारिक जाँच (Formal Investigation) की जा सकती है।
  • इस कार्य के लिये B.1.617 वेरिएंट को VUI के रूप में नामित किया गया है।

उत्परिवर्तन, वेरिएंट और स्ट्रेन

Mutation

  • जब कोई वायरस स्वयं की प्रतिकृति बनाता है तो वह सदैव अपनी एक सटीक प्रतिलिपि बनाने में सक्षम नहीं होता है।
  • इसका अर्थ यह है कि समय के साथ वायरस अपने आनुवंशिक अनुक्रम के संदर्भ में थोड़ा भिन्न होना शुरू कर सकता है।
  • इस प्रक्रिया के दौरान वायरल आनुवंशिक अनुक्रम में कोई भी परिवर्तन उत्परिवर्तन के रूप में जाना जाता है।
  • नए उत्परिवर्तन वाले वायरस को कभी-कभी वेरिएंट कहा जाता है। वेरिएंटएक या कई म्यूटेशन से भिन्न हो सकते हैं।
  • जब एक नए वेरिएंट में मूल वायरस से अलग कार्यात्मक गुण मौजूद होते हैं, तो इसे वायरस के नए स्ट्रेन के रूप में जाना जाता है।
    • इस प्रकार सभी स्ट्रेन वेरिएंट होते हैं, लेकिन सभी वेरिएंट स्ट्रेन नहीं होते।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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