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ICGS वराह का पूर्वी अफ्रीका में समुद्री कूटनीति में योगदान

  • 17 Feb 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारतीय तटरक्षक अपतटीय गश्ती जहाज़ ICGS वराह को पूर्वी अफ्रीका में चल रही रणनीतिक विदेशी तैनाती के एक भाग के तहत मोजाम्बिक के मापुटो पत्तन पर एक महत्त्वपूर्ण कदम के तहत तैनात किया गया। यह मौजूदा राजनयिक सामुद्रिक जुड़ाव के तहत एक बड़ी उपलब्धि है।

  • इसका उद्देश्य भारत की जहाज़ निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करना और "आत्मनिर्भर भारत" को बढ़ावा देना है।
  • जहाज़ों की यह तैनाती ICG और मोजाम्बिक की समुद्री एजेंसियों के बीच संबंधों को मज़बूत करती है।
  • यह विदेशी तैनाती द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और विदेशी मित्र देशों (FFCs) के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की भारतीय तटरक्षक की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। साथ ही, यह "सागर-क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा व विकास" और "ग्लोबल साउथ" की अवधारणा में शामिल भारत की समुद्र को लेकर सोच के अनुरूप है।
  • उल्लेखनीय है कि इस यात्रा से पहले ICGS वराह ने अफ्रीकी क्षेत्र में केन्या के मोम्बासा पत्तन पर तैनात होकर राजनयिक सामुद्रिक गतिविधियों की निर्बाध निरंतरता का प्रदर्शन किया था। 
    • ICGS वराह, ICG के सात 98-मीटर वाली OPV की शृंखला में चौथा है।

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